” जो तुम आ जाते एक बार “

जो तुम  आ  जाते  एक  बार

कितनी  करुणा  कितने  संदेश

पथ  में  बिछ  जाते  बन  पराग

गाता  प्राणों  का  तार   तार

अनुराग  भरा  उन्माद  राग

 

आँसू   लेते  वे  पथ  पखार

जो  तुम  आ  जाते  एक  बार

 

हँस  उठते  पल  में  आर्द्र   नयन

धुल  जाता  होंठों   से   विषाद

छा  जाता  जीवन  में   बसंत

लुट  जाता  चिर  संचित   विराग

 

आँखें  देती  सर्वस्व   वार

जो  तुम  आ   जाते  एक   बार

——– प्रसिद्ध  कवियत्री  महादेवी  वर्मा

( संकलित  )

 

——- राम  कुमार  दीक्षित  ,   पत्रकार  !