कहाँ है तेरा घर ?
उड़–उड़ आती है,
जहाँ से फर — फर !
चिड़िया, ओ चिड़िया,
कहाँ है तेरा घर ?
उड़–उड़ जाती है,
जहाँ को फर–फर ?
वन में खड़ा है जो,
बड़ा — सा तरुवर !
उसी पर बना है,
खर– पातों वाला घर !
उड़– उड़ आती हूँ
वहीं से फर– फर !
उड़– उड़ जाती हूँ
वहीं को फर— फर !
——— हरिवंश राय बच्चन
( संकलित )
राम कुमार दीक्षित , पत्रकार !