एक अरसे बाद दोनों सेवा निवृत्त रेल कर्मी स्टेशन मार्केट में मिले ! रास्ता चलते उन्होंने एक– दूसरे का हाल– चाल पूंछा ! बातचीत के…
View More ” असली कमाई “Category: Uncategorized
” मिलते नहीं देखा.. “
बिछड़ा है जो इक बार , तो मिलते नहीं देखा , इस ज़ख़्म को हमने कभी सिलते नहीं देखा ! इक बार जिसे चाट गई …
View More ” मिलते नहीं देखा.. “” दिन पर दिन चले गए “
दिन पर दिन चले गए पथ के किनारे , गीतों पर गीत अरे रहता पसारे ! बीतती नहीं बेला सुर …
View More ” दिन पर दिन चले गए “” सेवा ही सिद्धि है “
हमारे बुजुर्ग हमारे घर व परिवार की शान हैं ! जिस घर में बड़े बुजुर्गों को मान दिया जाता है , वह घर हमेशा भरपूर…
View More ” सेवा ही सिद्धि है “” मन पर नियंत्रण आवश्यक है “
अयोध्या में श्री राम सबको बड़े संक्षेप में बड़ी गहरी बात समझा रहे थे ! सब कुछ सुनने के बाद लोगों ने कहा ” जननी…
View More ” मन पर नियंत्रण आवश्यक है “” बारिश में भीगे .. “
जुदाई की रातों की बारिश में भीगे सुनो, तुम्हारी यादों की बारिश में भीगे ! सबने सावन की बारिश का जश्न किया , हम अपनी…
View More ” बारिश में भीगे .. “” छाँव भी जरूरी है “
छाँव भी जरूरी है जीते जी सीधा साधे चलना ठीक नहीं ऊबड़ खाबड़ पड़ाव भी जरूरी है तैरते तैरते बाजू पूँछेगे एक पल के लिए …
View More ” छाँव भी जरूरी है “” मैं जिसे ओढ़ता– बिछाता हूँ “
मैं जिसे ओढ़ता– बिछाता हूँ , वो गज़ल आपको सुनाता हूँ ! एक जंगल है तेरी आँखों में , मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ …
View More ” मैं जिसे ओढ़ता– बिछाता हूँ “” सुख– दुख “
सुख– दुख के मधुर मिलन से यह जीवन हो परिपूरन , फिर घन में ओझल हो शशि, फिर शशि से ओझल हो घन ! …
View More ” सुख– दुख “” डेढ़ होशियारी “
एक पैसेंजर ट्रेन इंदौर से भीलवाड़ा की तरफ रवाना होनी थी ! रात, 10 बजे सभी डिब्बे खचाखच भर गये ! एक सज्जन ट्रेन के…
View More ” डेढ़ होशियारी “