मुख्यमंत्री ने द टाइम्स ऑफ इण्डिया द्वारा प्रायोजित
विकसित उ0प्र0 विजन-2047 कॉन्क्लेव का शुभारम्भ किया
हम सभी ने विगत 11 वर्षों में बदलते हुए भारत को देखा, वर्तमान में देश
दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था, इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक दुनिया
की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्वयं को प्रस्तुत करेगा : मुख्यमंत्री
प्रदेश की 25 करोड़ जनता की अपेक्षाओं तथा आकांक्षाओं की पूर्ति
करना हमारा धर्म तथा नैतिक दायित्व, इसी धर्म तथा दायित्व का निर्वहन
करने के लिए प्रदेश सरकार विगत 08 वर्षों से अनवरत प्रयास कर रही
प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन
डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा, प्रदेश सरकार ने वर्ष 2047 तक
उ0प्र0 को 06 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का लक्ष्य तय किया
वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की अर्थव्यवस्था 12 लाख 75 हजार करोड़ रु0 के आसपास,
इस वित्तीय वर्ष में हम इसे 35 लाख करोड़ रु0 से अधिक की अर्थव्यवस्था बनाने वाले
देश की आजादी के समय भारत की इकॉनोमी में उ0प्र0 का
योगदान 14 प्रतिशत, यह योगदान पुर्नस्थापित करने की आवश्यकता
देश के 55 प्रतिशत एक्सप्रेस-वे उ0प्र0 में, प्रदेश में
सबसे अधिक शहरों में मेट्रो ट्रेन का संचालन हो रहा
वर्तमान में प्रदेश में 16 एयरपोर्ट्स क्रियाशील, देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को शीघ्र ही लोकार्पित किया जाएगा
उ0प्र0 सबसे बड़ी युवा आबादी का राज्य होने के साथ-साथ सबसे अधिक नौकरी देने
वाला राज्य बन चुका, प्रदेश की अभूतपूर्व विकास यात्रा को देश और दुनिया देख रही
प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 52वें निजी विश्वविद्यालय को अपनी अनुमति दी,
प्राइवेट विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार ने एक पॉलिसी बनाई
प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज की अवधारणा
पर कार्य करते हुए मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे
वर्ष 2017 से अब तक 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश जमीनी धरातल पर
उतारा जा चुका, 05 लाख करोड़ रुपये का निवेश ग्राउण्ड ब्रेकिंग के लिए तैयार
प्रदेश में देश के 55 प्रतिशत मोबाइल फोन बन रहे, इलेक्ट्रॉनिक
कम्पोनेंट के निर्माण में प्रदेश 55 प्रतिशत से अधिक योगदान दे रहा
लखनऊ : 27 सितम्बर, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सभी ने विगत 11 वर्षों में बदलते हुए भारत को देखा है। वर्ष 2014 में भारत दुनिया की 11वें नम्बर की अर्थव्यवस्था था। आज देश दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्वयं को प्रस्तुत करेगा। यहां की प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से विकास करती हुई अर्थव्यवस्था है। जब भारत आगे बढ़ रहा है तो देश में सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश चुप नहीं बैठ सकता। प्रदेश की 25 करोड़ जनता की अपेक्षाएं तथा आकांक्षाओं की पूर्ति करना हमारा धर्म तथा नैतिक दायित्व बनता है। इसी धर्म तथा दायित्व का निर्वहन करने के लिए प्रदेश सरकार विगत 08 वर्षों से अनवरत प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां द टाइम्स ऑफ इण्डिया द्वारा प्रायोजित विकसित उत्तर प्रदेश विजन-2047 कॉन्क्लेव का शुभारम्भ करने के पश्चात, आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 08 ईयर्स ऑफ यू0पी0 गवर्मेन्ट पुस्तक का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की आजादी के समय भारत की इकॉनोमी में उत्तर प्रदेश का योगदान 14 प्रतिशत था। यह योगदान पुर्नस्थापित करने की आवश्यकता है। प्रदेश अपनी आबादी के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देता हुआ दिखायी देना चाहिए। प्रदेश सरकार इसी कार्ययोजना के साथ कार्य कर रही है। यह हमारा राष्ट्रीय धर्म और दायित्व भी है।
पहले लोग प्रदेश में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर की कल्पना भी नहीं करते थे। आज देश के 55 प्रतिशत एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश में हैं। प्रदेश सबसे अधिक शहरों में मेट्रो ट्रेन का संचालन कर रहा है। वर्ष 2017 से पूर्व यहां लखनऊ और वाराणसी स्थित एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील तथा गोरखपुर और आगरा में आंशिक रूप से क्रियाशील थे। गोरखपुर में केवल एक फ्लाइट आती थी। आज 14 फ्लाइट्स देश के अलग-अलग शहरों को गोरखपुर से जोड़ रही हैं। वर्तमान में प्रदेश में 16 एयरपोर्ट्स क्रियाशील हैं। देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को शीघ्र ही लोकार्पित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश एक्सप्रेसवे, रेल नेटवर्क, मेट्रो ट्रेन, एयरपोर्ट तथा एयर कनेक्टिविटी के मामले में देश में नम्बर एक पर है। यहां देश की पहली रैपिड रेल तथा पहला इनलैण्ड वॉटर-वे मौजूद है। प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 का सबसे बड़ा बेस है। उत्तर प्रदेश गन्ना, चीनी, इथेनॉल तथा खाद्यान्न उत्पादन में देश में नम्बर एक पर है। यह सबसे बड़ी युवा आबादी का राज्य होने के साथ-साथ सबसे अधिक नौकरी देने वाला राज्य बन चुका है। प्रदेश की अभूतपूर्व विकास यात्रा को देश और दुनिया देख रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों को शताब्दी संकल्प-2047 का लक्ष्य दिया था। देश जब अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव वर्ष मनाएगा, तो उस समय हमें कैसा भारत चाहिए, इस पर सभी को विचार करना होगा। प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों को पंचप्रण का मंत्र प्रदान किया था। इस मंत्र के अनुसार हमें गुलामी की मानसिकता को त्यागना पड़ेगा, अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करनी होगी, सेना, अर्द्धसैनिक बलां तथा पुलिस के जवानों को सम्मान देना होगा, अपने नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के विकास के लिए कार्य योजना को आगे बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तय किया है कि हम वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को 06 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाएंगे। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की अर्थव्यवस्था 12 लाख 75 हजार करोड़ रुपये के आसपास थी। इस वित्तीय वर्ष में हम इसे 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक की अर्थव्यवस्था बनाने वाले हैं। प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय 43,000 रुपये से बढ़कर 1 लाख 20 हजार तक पहुंच गई है। यदि हम वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद प्रदेश की ग्रोथ को इस रफ्तार से आगे बढ़ा सकते हैं, तो अभी हमारे पास प्रत्येक फील्ड में वह सब कुछ है, जिस पर कार्य करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब तक तो हम लोगों ने इसकी आधारशिला तैयार की है। नींव बनाने में समय लगता है और जब एक बार नींव तैयार हो जाती है, तो उस पर भवन खड़ा करने में समय नहीं लगता है। हमने कार्ययोजना तय कर ली है, बस उसे गति देने की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार ने शिक्षा, कृषि, जलसंसाधन तथा स्किल डेवलपमेन्ट आदि 12 सेक्टर तय किए हैं। हमें प्रदेश को इमर्जिंग टेक्नोलॉजी का हब बनाना है। एम0एस0एम0ई0, टूरिज्म तथा सर्विस सेक्टर को मजबूत बनाना है। शहरीकरण में रिफॉर्म करना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य की विधानसभा में उत्तर प्रदेश विजन डॉक्यूमेन्ट 2047 पर 24 घण्टे अनवरत चर्चा की गई। जनप्रतिनिधियों ने सत्र के दौरान अपने महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। वर्तमान में इस विषय पर निचले स्तर पर डिबेट चल रही है। 300 से अधिक इंटेलेक्चुअल फील्ड में भेजे गए हैं। उन्होंने अब तक 110 से अधिक विश्वविद्यालयों और अकादमिक संस्थाओं को कवर किया है। वह अलग-अलग तबके के लोगों के साथ संवाद स्थापित कर रहे हैं। संगोष्ठियां हो रही हैं। समर्थ यू0पी0 पोर्टल के माध्यम से आमजन के सुझावों को प्राप्त करना प्रारम्भ किया गया है। प्रदेश के अलग-अलग कोने से अब तक लगभग 06 लाख से अधिक लोगों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कल प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 52वें निजी विश्वविद्यालय को अपनी अनुमति दी है। प्राइवेट विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार ने एक पॉलिसी बनाई है। यह पॉलिसी सबके लिए समान है। इसमें पिक और चूज की कोई गुंजाइश नहीं है। प्रदेश सरकार ने सहारनपुर में मां शाकुम्भरी, मुरादाबाद में गुरु जम्भेश्वर, अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह, देवीपाटन में मां पाटेश्वरी, मिर्जापुर में मां विंन्ध्यवासिनी तथा आजमगढ़ में महाराज सुहेलदेव के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की है। प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज की अवधारणा पर कार्य करते हुए मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से अब तक 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश जमीनी धरातल पर उतारा जा चुका है। 05 लाख करोड़ रुपये का निवेश ग्राउण्ड ब्रेकिंग के लिए तैयार है। प्रदेश में 96 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयां दो करोड़ लोगों को रोजगार दे रहीं हैं। प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं। प्रदेश में देश के 55 प्रतिशत मोबाइल फोन बन रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेंट के निर्माण में प्रदेश 55 प्रतिशत से अधिक योगदान दे रहा है। राज्य विकसित भारत की संकल्पना को मजबूती के साथ आगे बढा़ रहा है।
विकसित उत्तर प्रदेश के लिए जो आधारभूत कार्य होने थे, वह अब तक हो चुके हैं। अब हम उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा को नई गति देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। प्रत्येक सेक्टर में उत्तर प्रदेश नई दिशा में आगे बढ़ चुका है। वर्ष 2047 प्रदेश के नागरिकों की आशा व आकांक्षाओं की पूर्ति का वर्ष होगा।
हम सभी ईश्वर पर विश्वास करने वाले और अपने पुरुषार्थ को दृढ़ प्रतिज्ञ भाव के साथ आगे बढ़ाने वाले भारत माता के सपूत हैं। हम लोगों को विश्वास था कि हम प्रदेश को बीमारू राज्य की श्रेणी से उबारने में सफल होंगे। सी0ए0जी0 की दो वर्ष पुरानी रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश 37,000 करोड़ रुपये से अधिक का रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। वर्तमान में प्रदेश 70 हजार करोड़ रुपये के रेवेन्यू सरप्लस के साथ अपने सभी कार्यों को बेधड़क आगे बढ़ा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से रूस, चीन, अमेरिका, कनाडा, ब्राजील तथा आस्ट्रेलिया के पश्चात 7वें नम्बर पर है। भारत एक ऐसा देश है, जिसके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 60 प्रतिशत भू-भाग कृषि योग्य है। जिसमें मानव सभ्यता और संस्कृति को फलने-फूलने के लिए उत्तम परिस्थितियां मौजूद हैं। दुनिया के अन्य किसी भी देश में इतना बड़ा भौगोलिक क्षेत्रफल कृषि योग्य नहीं है। भारत इस दृष्टि से दुनिया का सबसे सौभाग्यशाली देश है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब यहां कृषि योग्य उत्तम भूमि, अच्छे जल संसाधन तथा प्रकृति व परमात्मा की कृपा थी, तो मानवीय सभ्यता खूब फली फूली व आगे बढ़ी। भारत ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की। 11वीं सदी में भारत में 60 करोड़ आबादी निवास कर रही थी। यह आबादी केवल कृषि पर निर्भर नहीं थी। यहां कृषि के साथ-साथ लघु और कुटीर उद्योगों का भी बहुत अच्छा तंत्र मौजूद था। यह दोनों मिलकर भारत को दुनिया में आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में स्थापित करते थे। सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के समय ग्लोबल इकोनमी में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत थी। 11वीं सदी तक आते-आते यह हिस्सेदारी घटकर 30 प्रतिशत तक पहुंच गई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 17वीं सदी में वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी घटकर 25 प्रतिशत तक पहुंची। वर्ष 1947 आते-आते ब्रिटिश कालखण्ड में भारत के लघु और कुटीर उद्योग पूरी तरह बन्द हो गए। भारत की परम्परागत कृषि जिससे आप प्राकृतिक खेती कह सकते हैं, उसमें केमिकल, फर्टिलाइजर, पेस्टिसाइड्स की कोई आवश्यकता नहीं थी। ब्रिटिशर्स ने यहां की कृषि में फर्टिलाइजर, केमिकल तथा पेस्टिसाइड्स का प्रयोग करना शुरु कर दिया। इस प्रयोग के एक-दो बार तो अच्छे रिजल्ट आए, लेकिन बाद में इसने भारत की खेतीबाड़ी को चौपट करना शुरू कर दिया। ब्रिटिशर्स भारत से 32 ट्रिलियन डॉलर मूल्य का सोना लूट कर ले गए। उन्होंने भारत को लूट कर स्वयं को समृद्ध किया था। उन्होंने यहां के उद्योग धंधों को समाप्त किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत में दुनिया का पहला विश्वविद्यालय तक्षशिला में स्थित था। भगवान श्रीराम के अनुज भरत के पुत्र तक्ष के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नाम तक्षशिला पड़ा था। इस विश्वविद्यालय ने दुनिया को पाणिनि, चरक, सुश्रुत, जीवक जैसे विद्वान दिए। आयुर्वेद के विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ इसी विश्वविद्यालय में रचे गए थे। राजवैद्य जीवक से जब उनके आचार्य ने कहा कि जंगल जाकर ऐसी वनस्पति का पता लगाओं, जिसमें औषधीय गुण न हों।
जीवक ने जंगल का भ्रमण करने के उपरान्त अपने आचार्य को उत्तर दिया कि नास्ति मूलमनौषधम् अर्थात वहां कोई भी वनस्पति ऐसी नहीं है, जिसमें औषधीय गुण न हो। उनके आचार्य ने कहा कि ‘अमन्त्रमक्षरं नास्ति नास्ति मूलमनौषधम्। अयोग्यः पुरुषो नास्ति, योजकस्तत्र दुर्लभः।।’ अर्थात बिना मंत्र शक्ति के कोई अक्षर, बिना औषधि गुण के कोई पौधा तथा बिना गुण के कोई व्यक्ति नहीं है। परन्तु ऐसे व्यक्ति दुलर्भ हैं। जो हर वस्तु तथा व्यक्ति में गुणों को देखकर उनका उपयोग कर सकें।
इस अवसर पर टाइम्स ऑफ इंडिया के रेजिडेंट एडिटर श्री प्रवीण कुमार, डायरेक्टर श्री रोहित शर्मा, वाइस प्रेसिडेंट श्री धनुष वीर सिंह, एन0बी0टी0 के स्थानीय सम्पादक श्री सुधीर मिश्रा, सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कृष्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव नियोजन श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री विशाल सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।