टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने लामबंद हुए शिक्षक, किया प्रदर्शन

टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने लामबंद हुए शिक्षक, किया प्रदर्शन
– अटेवा ने सांसद को सौंपा ज्ञापन तो प्राथमिक शिक्षक संघ कलेक्ट्रेट में किया नारेबाजी
– प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंप किया आदेश पर पुर्नविचार की मांग

मऊ : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पांच वर्ष से अधिक सेवा में रहने वाले प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना का दिए आदेश के बाद से शिक्षक संघ आंदोलित है। शुक्रवार को प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष नित्यप्रकाश यादव के नेतृत्व में शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जुलूश निकाल प्रदर्शन किया तथा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट बृजेंद्र कुमार को सौंपा। उन्होंने मांग किया कि लंबे समय से शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षकों के उपर कोर्ट द्वारा पात्रता परीक्षा का भार लादना उचित नहीं है। कहा कि कोर्ट को इस आदेश पर पुर्नविचार करते हुए वर्ष 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को इससे वंचित किया जाय। कहा कि शिक्षक परीक्षा में अपनी उर्जा लगाने के बजाय अगर शिक्षण कार्य करने में लगाएगा तो इससे बच्चों का भला होगा। इसमें जिला मंत्री ब्रह्मानंद सिंह, ओमप्रकाश सिंह, मुंशीप्रेमचंद, सुनील सिंह, दीपक सिंह, रजनीश सिंह, डा. रामविलास भारती, बृजेश कुमार, हरिहर यादव, राजकिशोर आदि शामिल थे। ——
इनसेट…… अटेवा ने सांसद को सौंपा

लंबे समय से नई पेंशन नीति का विरोध व पुरानी पेंशन की मांग कर रहे शिक्षकों के उपर सर्वोच्च न्यायालय ने एक नया बोझ लाद दिया है। शुक्रवार को इसके विरोध में अटेवा संयोजक नीरज राय के नेतृत्व में शिक्षकों ने सांसद राजीव राय को ज्ञापन सौंप इस अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग किये। इस दौरान जयराम यादव, श्यामसुंदर यादव, विरजू सराेज, बृजेश यादव, रामविजय यादव, अशोक मौर्य आदि शामिल थे।
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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सौंपा धन्यवाद पत्र
प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा को समाप्त करने के लिए सर्वोच्च जाने पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष रुपेश पांडेय व महामंत्री अरविंद आर्य ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट बृजेंद्र कुमार को धन्यवाद पत्र सौंपा। रुपेश पांडेय ने कहा कि शौक्षिक महासंघ के ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने शिक्षक हित में सर्वोच्च् न्यायालय जाने का निर्णय लिया है।

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