दुनिया से जाने वाले, जाने चले जाते हैं कहाँ,
कैसे ढूंढे कोई उनको, नहीं कदमों के भी निशाँ !
जाने है वो कौन नगरिया ,
आये जाये खत ना खबरिया ,
आये जब जब उनकी यादें ,
आये होंठों पे फरियादें ,
जाके फिर ना आने वाले ,
जाने चले जाते हैं कहाँ.. !
मेरे बिछड़े जीवन साथी ,
साथी जैसे दीपक बाती ,
मुझसे बिछड़ गये तुम ऐसे ,
सावन के जाते ही जैसे ,
उड़के बादल काले काले ,
जाने चले जाते हैं कहाँ !
दुनिया से जाने वाले, जाने चले जाते हैं कहाँ,
कैसे ढूंढें कोई उनको, नहीं कदमों के भी निशाँ
जाने चले जाते हैं कहाँ…
—– गीतकार आनंद बक्षी
( संकलित )
—– राम कुमार दीक्षित, पत्रकार !