इस जीवन में ,
हमको तुमको मान मिलेगा !
गीतों की खेती करने को ,
पूरा हिंदुस्तान मिलेगा !!
क्लेश जहाँ है ,
फूल खिलेगा ,
हमको तुमको त्राण मिलेगा !
फूलों की खेती करने को ,
पूरा हिंदुस्तान मिलेगा !!
दीप बुझे हैं ,
जिन आँखों के ,
इन आँखों को ज्ञान मिलेगा !
विद्या की खेती करने को ,
पूरा हिंदुस्तान मिलेगा !!
मैं कहता हूँ ,
फिर कहता हूँ ,
हमको तुमको प्राण मिलेगा !
मोरों — सा नर्तंन करने को ,
पूरा हिंदुस्तान मिलेगा !!
——- प्रसिद्ध कवि केदारनाथ अग्रवाल
( संकलित )
——- राम कुमार दीक्षित , पत्रकार , पुणे, महारास्ट्र !