जब कोई मुश्किल पड़ जाए ,
तुम देना साथ मेरा , ओ हमनवाज़,
न कोई है , न कोई था ,
ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा !
हो चाँदनी जब तक रात
देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरों में
ना छोड़ना मेरा साथ !
वफादारी की वो रस्में
निभायेंगे हम तुम कस्मे
एक भी सांस ज़िंदगी की
जब तक हो अपने वश में .. !
जब कोई बात बिगड़ जाए ,
जब कोई मुश्किल पड़ जाए ,
तुम देना साथ मेरा ,
ओ हमनवाज़ …. !!
————- प्रसिद्ध फिल्मी गीतकार इंदीवर
( संकलित )
————- राम कुमार दीक्षित , पत्रकार !