” याचना “

अथक  गति  से  मार्ग  पर  बढ़ता  चलूँ

यह  साधना  दो   !

सजग  अम्बर  में  अरुण  सा  रश्मि  ले  चढ़ता  चलूँ

यह    कामना   दो    !

सार  ले   निस्सार   जीवन  को  पुनः  गढ़ता  चलूँ

यह   कल्पना   दो     !

विश्व  के  कल्याण  का  शुभ  पाठ  मैं  पढ़ता  चलूँ

यह   भावना   दो   !

छोड़कर  जड़ता  सतत  संघर्ष  से  लड़ता  चलूँ

यह   सांत्वना     दो   !

————-   श्री  लक्ष्मीकांत  तिवारी  , संपादक , दैनिक हिन्दी  ” युग वैभव  ” समाचार पत्र

( संकलित  )