हेनरी फोर्ड विश्व के अग्रणी उद्योगपति थे ! उन्होंने अमेरिका में फोर्ड मोटर कम्पनी की स्थापना की ! उनके नाम पर बनाई गई फोर्ड मोटर ने पूरे संसार में ख्याति प्राप्त की !
एक भारतीय उद्योगपति ने मोटरकार का कारखाना लगाने से पूर्व अमेरिका जाकर हेनरी फोर्ड से भेंट करने का निश्चय किया ! अमेरिका पहुंचकर उसने हेनरी फोर्ड को फोन करके मिलने की इच्छा व्यक्त की ! फोर्ड ने कहा , शाम छः बजे निवास स्थान पर आजाइयेगा !
भारतीय उद्योगपति उनके घर पहुंचे तो देखा कि एक व्यक्ति अपने खाने के बर्तन स्वयं साफ कर रहा है ! बर्तन साफ कर एक ओर रख देने के बाद, उसने कहा , बैठिये, मुझे हेनरी फोर्ड कहते हैं !
भारतीय उद्योगपति ने कहा, आप इतने बड़े व्यक्ति होकर भी अपने बर्तन स्वयं क्यों साफ कर रहे थे ? यह काम तो नौकर भी कर सकता है ! फोर्ड ने उत्तर दिया , मैं शुरू में साधारण व्यक्ति था ! अपना काम स्वयं अपने हाथों से करता था ! हाथों से किये गए कठोर परिश्रम के कारण ही मैं आज कारखानों का मालिक बन पाया हूँ ! मैं उन संघर्ष के दिनों को ना भूल जाऊँ , इसलिए सारे अपने काम अपने हाथों से करता हूँ !
भारतीय उद्योगपति हेनरी फोर्ड की सादगी तथा अहंकार शून्यता देखकर आश्चर्यचकित रह गए ! प्रसंग से हमें भी यही सीख मिलती है कि कठोर परिश्रम से कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए क्यों कि परिश्रम करने से ही हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और हम अपने लक्ष्य तक परिश्रम से ही पहुँच सकते हैं !
———- राम कुमार दीक्षित , पत्रकार , पुणे !