आजकल कारोबार और नौकरी के क्षेत्र में इस बात की बहुत चर्चा है कि मार्केट डायनेमिक हो गया है ! यह भी सही है कि प्रतिभाओं के लिए नए– नए अवसर खुल रहे हैं, लेकिन प्रतिबद्धता दाँव पर लग गई है ! लोग स्थायी रूप से काम नहीं करना चाहते ! इसी बात को लेकर बड़े– बड़े कार्पोरेट वाले भी परेशान हैं कि कोई टिकता ही नहीं है ! सभी लोग फ्रीलांस काम देख रहे हैं ! अल्प अवधि की जिम्मेदारियों में रुचि ले रहे हैं ! हालांकि कुछ लोग यह अपनी मजबूरियों में भी कर रहे हैं !
इसे नाम दिया गया है, ” गिग इकोनामी ” , लेकिन बाजार जैसे भी चले ! घर में यह नहीं होना चाहिए ! बाहर एक ” गिग वर्ग ” तैयार हो रहा है जो अपने काम और समय की आज़ादी चाहता है ! लेकिन घरों में यह सब नहीं होना चाहिए ! घरों में गिग की जगह ” फिक्स” चलना चाहिए !
आज की युवा पीढी जब ” गिग एकोनामी ” का समर्थन कर रही है तो घर और परिवार के मामले में उसको ” फिक्स एटीट्यूड ” को समझना चाहिए ! घर परिवार में बंधन– जिम्मेदारी होनी चाहिये ! घर— परिवार के सदस्य और रिश्ते , नौकरी— कारोबार की तरह बार— बार नहीं बदले जा सकते ! बाहर भले ही हम किसी बंधन में ना बंधना चाहें , लेकिन घर में हम ऐसा नहीं कर सकते ! घर– परिवार की सबसे बड़ी खूबी ही उसका बंधन है ! घर– परिवार में सभी सदस्य प्रेम की डोर से बँधे होते हैं , जिसकी वजह से पूरा परिवार खुशहाल बना रहता है ! इसलिए परिवार की जिम्मेदारियों से कभी नहीं भागना चाहिए , बल्कि प्रेम से सभी रिश्तों को निभाना चाहिए ! कार्य क्षेत्र का बदलाव एक अलग परिधि में आता है लेकिन हमारा घर और हमारे घर के लोग हमारी अंतरात्मा है जिसे बहुत ही प्यार और जिम्मेदारी से सहेजने की ज़रूरत है !
———— राम कुमार दीक्षित , पत्रकार , पुणे !