हमारे आपके जीवन में तरह– तरह के लोग आयेंगे ! उसमें धोखेबाज भी होंगे ! यह वर्ग दूसरों को धोख़ा देने में, आत्मिक रूप से लूटने में , छल करने में माहिर होता है ! अभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी ए. आई. पर बहुत चर्चा हो रही है और बार– बार यह बात निकलकर आ रही है कि ए. आई . बनाने वाले लोग भी अभी उसके खतरों से ठीक से वाक़िफ़ नहीं हैं और जो जानते हैं कि ए. आई. से नुकसान होंगे !
वह भी उसको रोक नहीं रहे हैं क्यों कि फायदा सबको दिख रहा है ! धोखेबाज लोग बिलकुल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तरह हैं ! ठगने के लिए आपको फायदा दिखाते हैं , नुकसान नहीं बताते हैं ! यह धोखेबाज मानव सम्बंधों के भीतर विश्वास पर प्रहार करते हैं ! ठगने के लिए मनगढंत जानकारी देने में धोखेबाज माहिर होता है और ए. आई. में यही होने वाला है !
अब दो लोगों के बीच में विश्वास की जाँच करने के लिए कोई नियमन इकाई तो होती नहीं है ! यही ए. आई. के साथ भी होने वाला है ! इसका फायदा उठाते— उठाते आप कब ठगी के शिकार हो जायेंगे , इसका पता भी नहीं लगेगा ! दुनिया के दो धोखे बहुत प्रसिद्ध हैं ! एक धोख़ा रावण ने साधू का वेश धारण कर माँ सीता को दिया था और दूसरा धोख़ा महाभारत में मामा शकुनि ने जुआँ खेलते हुए पांडवों को दिया था ! किसी भी तरह के धोखे से बचने के लिए हमारे आपके पास एक ही साधन है कि हम अपनी ईमानदारी को चरम पर ले जाएं और अत्यधिक जागरूक एवं सावधान रहें ! जब तक विषय की गहराई से जाँच पड़ताल न कर लें , तब तक अपना निर्णय गुप्त रखें , तभी हम अपने को सुरक्षित रख सकते हैं !
———– राम कुमार दीक्षित, पत्रकार , पुणे !