अपने घरों में स्वच्छता के साथ– साथ , घरों की सजावट भी उत्तम प्रकृति की होनी चाहिये ! लेकिन ध्यान यह रखना चाहिए कि सजावट अच्छी दिखने के साथ , प्रेरणा देने वाली भी होनी चाहिए ! श्री राम के राजा बनने के बाद अयोध्या वासियों ने अपने– अपने घर सजाये थे !
गोस्वामी तुलसीदास जी लिखते हैं कि—- ” चारु चित्रशाला गृही गृह प्रति लिखे बनाइ ! रामचरित जे निरखा मुनि ते मन लेहि चोराइ ” ! अयोध्या वासियों के घर— घर सुन्दर चित्रशालाएँ हैं , जिनमें श्री राम के चरित्र सुंदरता के साथ संवारकर अंकित किये गये हैं ! जिन्हें मुनि देखते हैं तो मुनियों के चित्त् को भी अंकित चित्र , मोह लेते हैं अर्थात चुरा लेते हैं !
सीधी और सरल– सी बात है कि अपने घरों में ऐसे चित्र और ऐसी सजावट करनी चाहिए कि जिसमें परमात्मा की झलक मिलती हो ! जिनसे जीवन के लिए प्रेरणा मिलती हो ! आजकल लोग यह भूल जाते हैं कि अस्पष्ट आकृतियों — छवियों से नकारात्मक ऊर्जा आती है ! प्रेरणा देने वाले चित्रों से सकारात्मक वातावरण अपने आप बन जाता है और शान्ति के लिए इससे अनमोल उपाय क्या हो सकता है !
यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि हम अपने घरों में जो सजावटी चीजें रखते हैं , उनका हमारे मन पर प्रभाव पड़ता है ! इसलिए घरों में प्रेरणा देने वाले चित्रों को लगाने में शिथिलता नहीं करनी चाहिए ! घर के बच्चों के मन पर भी इन चित्रों का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी !
——— राम कुमार दीक्षित , पत्रकार , पुणे !