” बच्चों पर सख्ती करने में पांच बातों का ख्याल अवश्य रखना चाहिए”

आजकल की पैरेंटिंग में कहा जाता है कि बच्चों पर हाथ ना उठाएं  ! उनको डांटे ना  ! और यदि ऐसा करना ही पड़े तो अंदाज़ बिलकुल अलग होना चाहिए  ! लेकिन जरूरत पड़ने पर बच्चों के साथ सख्ती तो करनी ही पड़ेगी  ! उन्हें डांटना भी पड़ेगा  ! हर उम्र की एक जरूरत होती है  ! ऐसे ही बाल आयु की जरूरत तो सख्ती होती ही है  ! जब आपको अपने बच्चों पर सख्ती  करनी हो तो पांच बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए  !

बच्चों को  डाँटते समय सही शब्दों का चयन होना चाहिए  ! वाणी में मधुरता होनी चाहिए  ! तीसरा यह ध्यान रखना चाहिए कि जिस समय आप बच्चे को डाँट रहे हैं तो उस समय आपके अलावा वहाँ पर और कौन मौजूद है , अन्यथा बच्चा अपने को बहुत अपमानित महसूस करेगा  ! चौथी बात यह है कि जिस विषय में आप बच्चे को डाँट रहे हैं  , उस विषय की आपके पास गहरी पड़ताल होनी चाहिए  ! छोटी– छोटी बात पर डाँट– डपट नहीं करनी चाहिए  ! ध्यान यह भी रखना चाहिए कि जिसे आप डाँट रहे हैं,  वह बेटी है या बेटा  क्यों कि इसमें जेंडर साइंस बहुत काम करता है  !  जहाँ तक सम्भव हो बच्चों को समझा— बुझाकर  ही विषय का हल निकाल लेना चाहिए  ! बच्चों पर विशेष ध्यान देने की यह जरूरत है कि बच्चे के दोस्त कैसे हैं  ? बच्चे बाहर स्कूल / कालेज जाते हैं तो बाहर का परिवेश भी बच्चों को  प्रभावित करता है  ! बच्चों के भविष्य को सुंदर बनाने के लिए, थोड़ी सख़्ती तो बहुत सा प्यार का बर्ताव करना चाहिए  ! और बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करना ही उनका कुशल  निर्देशन  होगा  क्यों कि यही बच्चे हमारे देश का उज्ज्वल भविष्य  हैं  !

 

————- राम कुमार दीक्षित, पत्रकार  , पुणे  !