बीजबर्ग जर्मनी का एक शहर है, जहाँ एक किले के ऊपर एक पुरानी मीनार है, जिसका नाम ‘ महिलाओं का विश्वास ‘ ( द फेथ ऑफ वीमेन ) है ! कहा जाता है कि जब सम्राट कोनार्ड द्वितीय ने इस किले को जीत लिया , तो किले की सेना ने उनके सामने इस शर्त पर समर्पण किया कि किले में रहने वाली महिलाओं को अपनी सबसे प्रिय चीजों को ढोकर ले जाने की अनुमति होगी !
सम्राट को उम्मीद थी कि वे अपने साथ गहने और अन्य ऐसी चीजें ले जायेगी ! किंतु तब उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा , जब उसने किले से उनके निकलने का इंतजार करते हुए यह देखा कि उनमें से प्रत्येक के कंधे पर कोई दूसरी ही चीज थी ! वे अपने कंधों पर अपने पति , बेटा, बेटी, भाई अथवा प्रेमी को ढोकर ला रही हैं !
प्रायः यह समझा जाता है कि महिलाओं को गहने और अन्य बेशकीमती चीजें प्रिय होती हैं ! किंतु आपात स्थिति में महिलाओं के लिए अपने पति और बच्चों से प्रिय दूसरी कोई चीज नहीं हो सकती और इसे किसी संकट के समय ही समझा जा सकता है ! महिलाएं बहुत कोमल हृदय होती हैं और भावनाओं का सागर उनके हृदय में विद्यमान होता है ! महिलाएं जब देखती हैं कि उनके अपने भविष्य पर अर्थात परिवार पर ही संकट आ गया है, तब वे अपने पति और बच्चों को बचाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगाने का प्रयास करती हैं ! महिलाएं परमात्मा की सृजन शक्ति हैं, जिन पर परमात्मा भी अपनी कृपा अवश्य बरसाते हैं !
———— राम कुमार दीक्षित, पत्रकार, पुणे !