” रावण से भी सीखें कि कौन से काम हमें नहीं करने चाहिए “

रावण को अधर्म और बुराइयों का प्रतीक माना जाता है ! रावण जन्म से ब्राह्मण था और सभी शास्त्रों का जानकार था  ! ज्योतिष और पूजा– पाठ के नियमों की सभी जानकारी उसे थी  ! इन अच्छी बातों के अलावा रावण में बुराइयाँ बहुत अधिक थी  ! बुराइयों के कारण ही उसकी सभी अच्छाइयों का महत्व खत्म हो गया  ! रावण ने कई ऐसे गलत काम किये थे  , जिनसे किसी भी व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो सकता है  ! आइये जानते हैं, रावण की गलतियाँ  और इन गलतियों से आज भी सभी को बचना चाहिए  :——–

1——–   सही सलाह न मानना                                          ———————————–

रावण की सबसे बड़ी गलती ये थी कि वह कभी भी किसी की सलाह नहीं मानता था  ! मंदोदरी, विभीषण, माल्यवंत, कुम्भकरण, हनुमान आदि ने रावण को सलाह दी थी कि वह श्री राम से शत्रुता न करे और सीता जी को आदर सहित श्री राम को लौटा दें लेकिन रावण ने यह बात नहीं मानी  ! इस गलती के कारण रावण का अन्त हुआ  !

इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जब भी हमें सही सलाह मिले तो उस पर विचार करके स्वीकार कर लेना चाहिए  !

2————  स्त्री का सम्मान नहीं करना                                       ———————————–

रावण स्त्रियों का सम्मान नहीं करता था  ! उन्हें सिर्फ भोग विलास की वस्तु समझता था  ! रावण ने कई स्त्रियों के साथ बल का प्रयोग किया  ! रावण ने जब अप्सरा रम्भा को देखा तो वह रम्भा की सुंदरता पर मोहित हो गया  ! रावण ने रम्भा के साथ अपने बल का प्रयोग किया  ! जब रम्भा ने नलकुबेर को यह बात बताई तो नलकुबेर ने रावण को शाप दिया था कि रावण जब किसी भी स्त्री की इच्छा के बिना उसे स्पर्श करेगा या अपने महल में रखेगा तो वह भस्म हो जायेगा  ! इसी कारण से रावण ने सीता जी को अपने महल में नहीं, बल्कि अशोक वाटिका में रखा था  ! नलकुबेर रावण के भाई कुबेर देव का पुत्र था  ! जो लोग स्त्रियों का सम्मान नहीं करते हैं, उन्हें अपार दुःखों का सामना करना पड़ता है  ! इस एक बुराई के कारण दूसरी सभी अच्छाइयों का महत्व खत्म हो जाता है  !

3————  घमंड  करना                 …       ..                           ———————–

रावण को अपनी शक्तियों पर इतना अधिक भरोसा था कि वह बिना सोचे– समझे ही किसी को भी युद्ध के लिए ललकार देता था  ! इस आदत के कारण उसे कई बार हार का मुँह भी देखना पड़ा  !

इससे हमें यही सीखने की जरूरत है कि हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए  ! सूझ– बूझ  और  प्रेम पूर्ण व्यवहार से काम निकलना चाहिए  ! अहं का कोई अस्तित्व नहीं है  ! अस्तित्व  तो प्रेम का है  इसलिए  घमंड से प्रत्येक दशा में बचना चाहिए  !

 

——- राम कुमार दीक्षित,  पत्रकार,  पुणे  !