” बहुत बड़े लोग “

एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारत में अधिकतर लोग अगर किसी रेस्टोरेंट में कुछ खाने जाते हैं, तो खुद को वहाँ का मालिक समझने लगते हैं  ! ढेर सारा खाना मंगाना और न खाने पर खाना जूठा छोड़कर चले आना !यह लोगों की आदत बन गई है  ! उन्हें इस बात की गलतफहमी होती है कि वह बहुत बड़े लोग हैं  !

होटल वाले इस मानसिकता को खूब पहचानते हैं और इसका फायदा भी उठाते हैं  ! वह खाने का रेट बहुत ज्यादा रखते हैं  ! टेबल पर बैठते ही एक या दो पानी की बोतल रखवा देते हैं जिसकी कीमत बाज़ार से दोगुनी होती है  ! सर्विस के लिए वेटर हमेशा तैनात रखते हैं  ! ग्लास में पानी भी चाहिए तो वेटर देगा  ! खाना लेना है तो वेटर ही परोसेगा  ! खाना खाने के लिए बैठे लोग अन्य लोगों को यह आभास कराते हैं कि वह कितने बड़े आदमी हैं  ! होटल वाले उन्हें ऊँची क्वालिटी के भ्रम में रखकर बहुत महंगा खाना देते हैं  ! ग्राहक उसका भी 50 से 60 प्रतिशत खाना यूँ ही छोड़  देते हैं  ! जब खाना खाकर बाहर निकलते हैं तो वेटर को भी टिप देनी होती है  ! गेट पर जो गार्ड खडा होता है  , उसको भी टिप देनी पड़ती है  !

असल में यह  आर्थिक और सामाजिक नुकसान है और अन्न देवता का अपमान भी है  , इसलिए अन्न और धन के नुकसान को बचाने के लिए हमें बहुत जागरुक होना ही पड़ेगा  ! हमें जीवन में  किसी भी तरह के दिखावे से बचना चाहिए  , तभी हम स्वयं  भी और हमारा देश भी समृद्ध बन सकेगा  !

 

———- राम कुमार दीक्षित  , पत्रकार  , पुणे  !