दो दोस्त कहीं जा रहे थे ! रास्ते में उनमें किसी बात पर झगड़ा हो गया ! गर्मागर्मी में एक ने दूसरे को चांटा मार दिया ! जिसने चांटा खाया ! उसने दुःखी होकर रेत पर लिखा, ” आज मेरे मित्र ने मुझे दुःखी किया !
वापसी में भी दोनों मित्र साथ थे ! बीच रास्ते में एक नदी पड़ती थी ! दोनों ने स्वच्छ बहती नदी में स्नान करने का मन बनाया ! अचानक वह मित्र जिसने चांटा खाया था , भँवर में फंसकर डूबने लगा ! इस समय उसके उसी मित्र ने जिसने चांटा मारा था , डूबते अपने उस दोस्त को बचाया, जिसने चांटा खाया था ! जो डूबने से बच गया, उसने खुश होकर एक चट्टान पर लिखा कि ” आज मेरे प्रिय मित्र ने मेरा जीवन बचाया ” !
इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है कि जब कोई हमें दुःखी करे तो उसे रेत पर लिखना चाहिए ताकि क्षमा करने वाली हवाएँ उसे मिटा दें ! परन्तु जब जब कोई हमारे साथ अच्छा काम करे तो उसको पत्थर पर लिखना चाहिए ताकि वो हमारी स्मृतियों में सदैव बनी रहें ! जीवन में किसी की अच्छाई को हमेशा याद रखना चाहिए !
———– राम कुमार दीक्षित, पत्रकार !