सेल्फ स्टार्ट के आविष्कारक चार्ल्स एफ. केटरिंग को अपनी खोज को पूरा करने के लिए ज़मीन, जेवर और मकान बेचकर एक झोपड़ी में रहना पड़ा ! एक दिन जब सफलता मिली, तो पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया !
एक इंटरव्यू के दौरान उनसे, पूँछा , आपने अनगिनत कठिनाइयों और परेशानियों का सामना किया ! इसके पीछे क्या कारण है ? आपको इतना धैर्य कहाँ से और कैसे मिला ? चार्ल्स एफ. केटरिंग , उस पत्रकार को अपनी झोपड़ी में ले गए ! वहाँ एक छोटी सी मेज पर जो सबसे अनोखी चीज थी , वह पत्थर का टुकडा था और उस पर लिखा था, ” आज ) ( Today) , इसे देखिये, पत्थर के उस टुकड़े की ओर इशारा करके केटरिंग बोले , यही मेरी सफलता का रहस्य है !
मैंने ” आज ” के महत्व को समझा और ” आज ” में ही जिया ! पत्थर के इस टुकड़े पर लिखा ” आज ” भी मेरे विश्वास का प्रतीक है ! इसे देखकर हर दिन मुझमे यह विश्वास जागृत हो जाता था कि ” आज ” मैं अपने काम में सफल अवश्य हो जाऊंगा और इसी विश्वास ने मुझे सफलता दिलाई ! न तो मैंने गुजरे कल के बारे में सोचा और न आने वाले कल के विषय में ! मैंने केवल ” आज “के विषय में सोचा और आप देख ही रहे हैं कि ” आज ” मैं सफल हूँ !
————- राम कुमार दीक्षित, पत्रकार, पुणे !