एक बार मुंशी प्रेमचंद की कलम अपने वश में करने के लिए अंग्रेजी सत्ता के तत्कालीन गवर्नर ने मुंशी प्रेमचंद के पास “राय बहादुर ” का सम्मान ग्रहण करने का प्रस्ताव भेजा ! कथा सम्राट प्रेमचंद अंग्रेजों की इस चाल को भाँप गये और सोचने लगे कि क्या किया जाए ! रात को उन्होंने जब ये बात अपनी पत्नी को बताई तो पत्नी बोली, ” आपको यह सम्मान ग्रहण कर लेना चाहिए !
काफी सोच विचारकर अगले दिन मुंशी प्रेमचंद ने वायसराय को पत्र लिखा , ” मान्यवर ” आप मुझे ” रायबहादुर् की उपाधि देना चाहते हैं ! इसके लिए आपको हार्दिक धन्यवाद, मगर मेरे पाठकों ने तो मुझे ” सम्राट ” का ताज पहना रखा है, फिर आपके इस अदने से सम्मान को मैं क्यों ग्रहण करूँ ? मुझे क्षमा करें ! धन्यवाद ! मुंशी प्रेमचंद की वाकपटुता ने वायसराय की इस चाल को विफल कर दिया !
——- राम कुमार दीक्षित, पत्रकार, पुणे !