पानी लायी हूँ मुँह धोलो !
बीती रात कमल दल फूले,
उसके ऊपर भँवरे झूले !
चिड़िया चहक उठी पेडों पे,
बहने लगी हवा अति सुन्दर !
नभ में प्यारी लाली छाई ,
धरती ने प्यारी छवि पाई !
भोर हुआ सूरज उग आया ,
जल में पड़ी सुनहरी छाया !
नन्हीं नन्हीं किरने आईं ,
फूल खिले कलियाँ मुस्काईं !
इतना सुन्दर समय मत खोओ ,
मेरे प्यारे अब मत सोओ !!
— प्रसिद्ध कवि अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरि औध ‘
( संकलित )
राम कुमार दीक्षित , पत्रकार !