
विश्वास को ऊँचा कर
हर कदम बढ़ाऊँगा ,
कैसा भी हो रास्ता ,
मंज़िल मैं पाऊँगा !
लाख मुश्किलें आयेंगी,
मैं फिर भी न घबराऊंगा ,
हिम्मत बांधे अपनी मैं ,
बस आगे बढ़ता जाऊँगा !!
नहीं रूकूँगा, नहीं थकूँगा,
ऐसा मैं बन जाऊँगा ,
अपने साथ ही अपने बड़ों का,
मैं तो मान बढ़ाऊँगा !!
ये धरती क्या एक दिन ,
आसमां को भी झुकाउंगा ,
सारी कायनात पर मैं ,
इस कदर छा जाऊँगा !!
विश्वास को ऊँचा कर
हर कदम बढ़ाऊँगा ,
कैसा भी हो रास्ता ,
मंज़िल मैं पाऊँगा !!
( संकलित )
राम कुमार दीक्षित, पत्रकार !