” वर्षा आई ” ( बच्चों के लिए )

रिमझिम  रिमझिम  वर्षा  आई,

ठंडी  हवा  बही  सुखदायी  !

बाहर  निकला  मेंढक  गाता,

उसके  पास  नहीं  था  छाता  !

सर  पर  बूँदें  पड़ी  दनादन  ,

तब   घर  में  लौटा  शरमाता   !

उसकी  माँ  ने  डाँट  लगाई  !

रिमझिम  रिमझिम  वर्षा  आई  !!

पंचम  स्वर  में  बोली  कोयल  ,

नाच  उठी  मोरों  की  टोली  ,

गधा  रंभाया  ढेंचू  ढेंचू  !

सबको  सूझी  हंसी  ठिठोली  !

सब  बोले  अब  चुपकर  भाई  !

रिमझिम  रिमझिम   वर्षा  आई  !

गुड़िया  बोली  — चाचा  आओ  ,

लो, काग़ज़  लो  ,  नाव  बनाओ  !

कंकड़  का  नाविक   बैठाकर  ,

फिर  पानी  में  नाव  चलाओ  !

नाव  चली  , गुड़िया  मुसकायी  ,

रिमझिम  रिमझिम  वर्षा  आई  !

(  संकलित  )

राम कुमार  दीक्षित  ,  पत्रकार  !