” कोकिल अति सुन्दर चिड़िया है ” ( बच्चों के लिए )

कोकिल  अति  सुन्दर  चिड़िया   है  ,

सच कहते हैं, अति बढ़िया है  !

जिस रंगत के कुँवर   कन्हाई,

उसने   भी वह रंगत  पाई   !

बौरों की सुगंध  की भाँती  ,

कुहू — कुहू यह  सब  दिन  गाती  !

मन प्रसन्न होता है  सुनकर  ,

इसके  मीठे  बोल    मनोहर  !

मीठी  तान  कान   में   ऐसे  ,

आती  है  वंशी  धुनि   जैसे   !

सिर  ऊँचा  कर  मुख  खोले  है  ,

कैसी  मृदु  बानी  बोले  है   !

इसमें  एक  और  गुण   भाई  ,

जिससे  यह  सबके  मन  भाई   !

यह  खेतों  के  कीड़े   सारे  ,

खा   जाती  है  बिना   बिचारे   !

—————- आचार्य  महावीर प्रसाद  द्विवेदी

(  संकलित  )

राम कुमार दीक्षित  ,   पत्रकार  !