राजकोट ( गुजरात ) ! दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का राजकोट से अटूट नाता था ! जब भी उनकी सभा होती, तो दूर–दूर से लोग सुनने के लिए आते ! राजकोट में जनसंघ की नींव रखने वाले चिमन भाई शुक्ल के साथ परिवार के सदस्य की तरह रहते ! चिमन भाई की बेटी कश्मीरा बेन ने बताया कि राजकोट में वे हमारे घर पर ही ठहरते ! माँ से खिचड़ी, मेथी — पालक की भाजी और रोटी– सब्जी बनाने के लिए कहते ! पूरे परिवार को नाम से पहचानते थे ! पिताजी के उपवास पर चिंतित थे अटल जी —
चिमन भाई शुक्ल के बेटे कश्यल शुक्ल ने अतीत को याद करते हुए बताया कि सौराष्ट्र या राजकोट का दौरा हो, तो अटल जी हमारे घर अवश्य आते ! हम सब मिलकर उनका स्वागत करते ! हमें ऐसा करना अच्छा लगता ! सन् 1952 में जनसंघ की स्थापना के बाद राजकोट कार्पोरेशन में पहली बार भाजपा को एक शीट के लिए दलबदल की बात को लेकर चिमन शुक्ल ने 19 दिन का उपवास किया ! उस समय अटल जी दिल्ली में थे, पर वहाँ से वे चिमन भाई के लिए चिंतित थे ! इसके लिए उन्होंने लालकृष्ण अडवाणी और विजयराजे सिंधिया को राजकोट भेजा ! इसके अलावा 1948–50 में संघ की शिक्षा के लिए नागपुर में अटल जी, अडवाणी जी और मेरे पिता एक ही कमरे में एक सप्ताह तक रहे !
कश्यल शुक्ल कहते हैं कि मुझे याद है कि पहली बार राजकोट में महिला मेयर के रूप में भावना बेन जोशीपुरा निर्वाचित हुई, तब उनके शपथ ग्रहण के समय अटल जी ने सभी के हाथ में कमल पकड़वाया था और शपथ दिलाई थी !
( संकलित )
राम कुमार दीक्षित, पत्रकार !