” हार नहीं स्वीकार “

कभी  जीत  कभी  हार

यही  जिंदगी  की  दरकार

हार  किसी  को  नहीं  स्वीकार

पर मिलेगी  कभी  हार

हार  करना  पड़ता  है  स्वीकार

हार  सिखाती  सौ  बार

जीत  का  हुनर  बार  बार

धैर्य  का  महत्व  सिखाती  है  हार  ही

पर  हमें  हार कभी  स्वीकार  नहीं   !!

( संकलित  )

राम कुमार  दीक्षित ,  पत्रकार  !