अपर निदेशक (उद्यान) डा0 आर0के0 तोमर पर भ्रष्टाचार का आरोप

लखनऊ। भारतीय किसान मंच एवं गौ संरक्षण के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी(रिंन्कू) ने आज एक प्रेस वार्ता में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अपर निदेेेेेशक डॉ0 आर के तोमर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि  उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में नवम्बर 2015 में आर०के०वी०वाई० (राष्ट्रीय कृषि विकास योजना) में डी०बी०टी० की व्यवस्था लागू की गयी तथा शासनादेश दिनांक 07.04.2016 के द्वारा विभाग में संचालित एम०आई०डी०एच० योजना तथा अन्य संचालित योजनाओं में कैश डी0बी0टी0 की व्यवस्था लागू की गयी जो दिसम्बर 2020 तक सफलता पूर्वक विभाग में लागू थी, जिससे एक ओर प्रदेश के कृषकों को अपननी स्वेच्छानुसार प्लाटिंग मैटिरियल (पौध, बीज, खाद, औषधि पौध, फूलो के बीज एवं पौध तथा अन्य निवेश) क्रय करेन की सुविधा थी तथा योजनान्तर्गत अनुमन्य अनुदान सीधे उनके खाते में प्राप्त हो रहा था वहीं दूसरी ओर विभाग के फील्ड लेवल के कर्मचारी / -अधिकारी कैश डी0बी0टी0 की व्यवस्था से बहुत खुश एवं संतुष्ट थे क्योंकि उनके ऊपर विभागीय अधिकारियों का किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं था। वर्तमान निदेशक डा0 आर0के0 तोमर को जनवरी 2021 में निदेशक का पदभार अतिरिक्त पद से दिया गया उस समय श्री तोमर संयुक्त निदेशक (उद्यान) के पद पर आसीन थे और वर्तमान में अपने मौलिक पद अपर निदेशक (उद्यान) के रूप में कार्यरत हैं, के द्वारा तत्कालीन प्रमुख सचिव उद्यान से साठ-गांठ करे कैश डी०बी०टी० के स्थान पर काईन्ड डी०बी०टी० का प्रस्ताव शासन भेजकर स्वीकृत करा लिया जबकि भारत सरकार के अनुसार इन दोनों योजनाओं में काईन्ड डी०बी०टी० का कोई प्राविधान नहीं था । काईन्ड डी०बी०टी० परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य मध्यस्त सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के माध्यम से अपनी स्वेच्छानुसार बीज, पौध एवं अन्य प्लाटिंग सामग्री क्रय कर मोटा कमीशन प्राप्त किया जाये तथा अपनी स्वेच्छा से क्रय किये गये प्लाटिंग मैटिरिल को कृषकों में काईन्ड डी०बी०टी० के रूप में वितरित किया जाये। इस परिवर्तन के कारण कृषकों को अपनी स्वेच्छानुसार प्लाटिंग मैटिरियल क्रय करने की स्वतंत्रता छीन ली गयी तथा विकास • खण्ड स्तर के कर्मचारियों पद दबाव बनाकर अमूक कम्पनी का बीज क्रय कराने हेतु बाध्य किया गया, जिसकी शिकायत कर्मचारी संगठनों के द्वारा मा० मुख्यमंत्री जी को की गयी है । काईन्ड डी०बी०टी० में परिवर्तन के शासनादेश दिनांक 21.09.2021 में दिये गये निर्देशों तथा भारत सरकार के पत्र दिनांक 30.06.2021 में दिये गये निर्देशों के अनुसार न तो संस्थाओं के चयन हेतु खुली एवं पारदर्शी निविदा आमंत्रित की गयी और न ही न्यूनतम दरों को सुनिश्चित करने हेतु संस्थाओं से खुली एवं पारदर्शी प्रतिस्पर्धात्मक दरे निविदा के माध्यम से आमंत्रित की यगी, बल्कि शासनादेशों के विपरीत बिना निविदा कराये संस्थाओं का चयन निदेशक उद्यान डा० आर0के0 तोमर द्वारा स्वयं कर लिा गया तथा इन चयनित 5 संस्थाओं से सीधे पत्र के माध्यम से दरे आमंत्रित की गयी जिससे एक संस्था  नैफेड द्वारा पत्र निर्गत के दिनांक को ही अपनी दरे विभाग को उपलब्ध करा दी थी जिससे स्पष्ट है कि वर्तमान डा० आर०के० तोमर की इस संस्था के साथ साठ-गांठ है। इस संस्था के माध्यम से डा० आर0के0 तोमर निदेशक उद्यान द्वारा केवल शकर शाकभाजी मसाला बीज एवं अन्य निवेश (प्लास्टिक क्रेटस) में विगत दोनों वर्षो में रू0 100 करोड से अधिक का अनियमित क्रय कराकर भ्रष्टाचार किया जा चुका है। यदि अन्य कार्यक्रम फल क्षेत्र विस्तार, औषधी पौध क्षेत्र विस्तार, टिश्यू कल्चर केला क्षेत्र विस्तार तथा फूल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रय एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में किये गये भ्रष्टाचार की जाँच करायी जाये तो हजारों करोड़ का घोटाला एवं भ्रष्टाचार सामने आयेगा ।