” जगहें खत्म हो जाती हैं……”

जगहें  खत्म हो जाती  हैं जब  हमारी  वहाँ  जाने  की  इच्छाएं खत्म  हो  जाती  हैं लेकिन  जिनकी इच्छाएँ  खत्म  हो  जाती हैं वे  ऐसी  जगहों …

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” हो गई है पीर पर्वत– सी पिघलनी चाहिए “

हो  गई  है  पीर  पर्वत– सी  पिघलनी  चाहिए   , इस  हिमालय  से  कोई  गंगा  निकलनी  चाहिए   !   आज  यह  दीवार  ,  परदों  की  तरह …

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“स्वप्न हुआ साकार “

स्वप्न  हुआ  साकार राष्टृ  संघ  के  मंच  से हिंदी  की  जयकार   हिंदी  की  जयकार हिन्दी  हिन्दी  में  बोला देश  स्वभाषा  प्रेम विश्व  अचरज  में …

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