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जनपद गोंडा के आंगनवाड़ी केंद्रों के सशक्तिकरण हेतु 300 संसाधन किट का वितरण
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चिकित्सा सेवा केवल पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सर्वोच्च साधना है
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जब चिकित्सक का हृदय करुणा से भरा हो, मस्तिष्क विज्ञान से समृद्ध हो, और हाथ सेवा को तत्पर हों, तब चिकित्सा मानवता की आराधना बन जाती है
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भावी चिकित्सक जीवन में कुछ सार्थक करने का संकल्प लें और समाज को स्वस्थ बनाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएं
-राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल
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लखनऊ : 14 अक्टूबर, 2025
प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ का द्वितीय दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल महोदया ने 297 विद्यार्थियों को उपाधियाँ एवं मेधावियों को पदक प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने सभी उपाधियों को बटन दबाकर डिजीलॉकर पर अपलोड भी किया।
राज्यपाल जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति का आधार उसके नागरिकों का स्वास्थ्य होता है, और यह स्वास्थ्य, सशक्त चिकित्सा संस्थानों की नींव पर टिका होता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा केवल उपचार नहीं, बल्कि करुणा, विज्ञान और सेवा का संगम है। उन्होंने संस्थान को एन0ए0बी0एच0 मान्यता प्राप्त करने पर बधाई दी। यह सार्वजनिक क्षेत्र का उत्तर भारत का पहला ऐसा संस्थान है जिसे यह मान्यता प्राप्त हुई है, जो इसकी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं, पारदर्शिता और मरीजों के प्रति समर्पण का परिचायक है।
राज्यपाल जी ने संस्थान द्वारा प्रारंभ की गई रोबोटिक सर्जरी को चिकित्सा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया। उन्होंने बताया कि मात्र तीन माह से भी कम समय में 150 से अधिक सफल सर्जरी संपन्न कर संस्थान ने तकनीकी दक्षता और टीम भावना का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। राज्यपाल जी ने संस्थान के न्यूरोसाइंस सेंटर में “गामा नाइफ मशीन” के शिलान्यास को मस्तिष्क के ट्यूमर के सटीक और प्रभावी उपचार की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया, जो देश के किसी भी सरकारी संस्थान में स्थापित होने वाली प्रथम मशीन होगी। संस्थान द्वारा संचालित “ग्रीन ओपीडी” पहल को उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों के लिए 10 बेड का एन0आर0सी0 वार्ड प्रारंभ किए जाने को समाज के कमजोर वर्गों के प्रति सेवा और करुणा का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
राज्यपाल जी ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों को चाहिए कि वे नवाचार और अनुसंधान को प्राथमिकता दें। भारत की चिकित्सा परंपरा आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को आधुनिक चिकित्सा तकनीकों के साथ समन्वित करने का भी उन्होंने आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब विज्ञान और परंपरा साथ चलेंगे, तभी चिकित्सा सेवा का स्वरूप संपूर्ण और मानवीय बनेगा।
उन्होंने चिकित्सा विद्यार्थियों और चिकित्सकों से कहा कि चिकित्सा सेवा केवल पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सर्वोच्च साधना है। प्रत्येक रोगी के प्रति उनका व्यवहार करुणा, सहानुभूति और धैर्य से परिपूर्ण होना चाहिए। एक मुस्कान या स्नेहपूर्ण वाक्य भी कई बार दवा से अधिक असरकारी हो सकता है।
राज्यपाल जी ने मातृ स्वास्थ्य को राष्ट्र की स्वास्थ्य नीति का प्रमुख आधार बताते हुए कहा कि स्वस्थ माताएँ ही स्वस्थ समाज और सशक्त राष्ट्र की आधारशिला हैं। उन्होंने चिकित्सकों से आह्वान किया कि वे कम से कम तीन वर्ष तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करें तथा निजी क्षेत्र के चिकित्सकों से हर वर्ष कम से कम पाँच मरीजों का निःशुल्क उपचार करने का संकल्प लेने को कहा।
राज्यपाल जी ने केंद्र सरकार के बजट 2025-26 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके अंतर्गत देशभर के मेडिकल कॉलेजों में 10,000 नई मेडिकल सीटें प्रारंभ की जाएँगी, जो अगले पाँच वर्षों में बढ़कर 75,000 तक पहुँचेंगी। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में योग्य चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 12 करोड़ परिवारों को ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने हेतु ₹9,406 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य संरचना मिशन के लिए ₹4,200 करोड़ और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के लिए ₹4,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। इसके अतिरिक्त हर जिले में डे-केयर कैंसर सेंटरों की स्थापना, चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा, तथा स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान जैसी योजनाओं को उन्होंने समाज के हर वर्ग को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में सार्थक पहल बताया।
राज्यपाल जी ने नवोदित चिकित्सा विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान, अनुभव और मूल्यों को पुस्तकों तक सीमित न रखते हुए समाज के हित में उपयोग करें। उन्होंने कहा कि जब चिकित्सक का हृदय करुणा से भरा हो, मस्तिष्क विज्ञान से समृद्ध हो, और हाथ सेवा को तत्पर हों, तब चिकित्सा मानवता की आराधना बन जाती है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के साथ स्वस्थ, सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करें।
राज्यपाल जी ने कहा कि बहुत लोग अशुद्ध जल का सेवन करते हैं, जिससे विभिन्न बीमारियाँ फैलती हैं। उन्होंने पोषण युक्त आहार की अनिवार्यता पर बल देते हुए विशेष रूप से किशोरियों में हीमोग्लोबिन की नियमित जांच कराने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि बच्चों के समुचित पालन-पोषण के लिए चिकित्सा श्विविद्यालयों को कोर्स आरंभ करने चाहिए, जिससे माताओं को सही मार्गदर्शन मिल सके।
राज्यपाल जी ने कहा कि आयुष और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति अनेक बीमारियों में लाभकारी सिद्ध हो रही हैं। इनका प्रचार-प्रसार आवश्यक है। उन्होंने सभी डॉक्टर एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक सामूहिक रूप से कार्य करने का सुझाव दिया और अस्पतालों में उपलब्ध दवाइयाँ आंगनबाड़ी केन्द्रों और प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों तक पहुँचाई जाने को कहा।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि माननीय प्रधानमंत्री जी चाहते हैं कि भारत टीबी मुक्त बने। इस दिशा में विश्वविद्यालयों और स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रेरित किया जा रहा है। टीबी मरीजों को गोद लेने तथा उन्हें आवश्यक पोषण पोटली प्रदान करने जैसे कार्य हो रहे हैं।
प्रदेश भर में किशोरियों को एचपीवी वैक्सीन देने का अभियान के बारे में उन्होंने बताते हुए कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की बालिकाओं को भी यह वैक्सीन दी जा रही है, जिससे उन्हें सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके।
राज्यपाल जी ने भावी चिकित्सकों से आह्वान किया कि वे जीवन में कुछ सार्थक करने का संकल्प लें और समाज को स्वस्थ बनाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, श्री ब्रजेश पाठक ने मेधावी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा यह दीक्षांत समारोह संस्थान के लिए गौरव का क्षण है। विगत आठ वर्षों में संस्थान ने अथक परिश्रम और समर्पण से यह सफलता अर्जित की है। हम हर कदम पर संस्थान के साथ खड़े हैं। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में संस्थान का अपना ऑडिटोरियम होगा, जिसके लिए कार्य जारी है।
उप मुख्यमंत्री ने राज्यपाल जी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्यपाल जी के नेतृत्व में प्रदेश के विश्वविद्यालय एवं संस्थान उच्च ग्रेड प्राप्त कर रहे हैं। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता, बेहतर व्यवस्थाएं, नवाचार और स्वच्छता के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल जी ने न केवल उच्च शिक्षा में, बल्कि प्रारंभिक शिक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए हैं। दीक्षांत समारोहों में छोटे बच्चों को आमंत्रित करना, आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर हजारों बच्चों को किट वितरित करना, ये सभी प्रयास राज्यपाल जी के नेतृत्व में निरंतर जारी हैं।
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल महोदया ने जनपद गोंडा के आंगनवाड़ी केंद्रों के सशक्तिकरण हेतु 300 संसाधन किट वितरित कीं।
कार्यक्रम में लोक बंधु मेमोरियल स्कूल की छात्रा ने पर्यावरण विषय पर प्रेरक भाषण एवं गीत प्रस्तुत किया, वहीं संस्थान द्वारा गोद लिए गए गांव के स्कूल शक्ति विद्यालय पीठ इंटर कॉलेज के कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों ने पर्यावरण पर एक प्रेरक नाटक प्रस्तुत किया। इसके साथ ही राज्यपाल महोदया ने संस्थान द्वारा गोद लिए गए गांवों के विद्यालयों के मध्य आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी बच्चों को पुरस्कृत भी किया।
दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं का माननीय राज्यमंत्री, चिकित्सा स्वास्थ्य श्री मयंकेश्वर शरण सिंह एवं समारोह के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता एवं वैज्ञानिक प्रो0 राणा पी0 बी0 सिंह ने भी सम्बोधित किया और मेधावियों का मार्गदर्शन कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के निदेशक प्रो0 सी0एम0 सिंह द्वारा संस्थान की विस्तृत वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी।
इस अवसर पर डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के उपाध्यक्ष श्री अमित कुमार घोष, अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 संजीव मिश्रा, संस्थान की कार्यपरिषद, विद्या परिषद के सदस्यगण, समस्त संकायाध्यक्ष, आमंत्रित अतिथि, शिक्षकगण, प्रशासनिक अधिकारी, अभिभावक, विद्यार्थी, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियाँ तथा विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।
