प्रतापगढ़। स्ववित्त पोषित विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन, जनपद इकाई प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश की बैठक आज उत्साहपूर्वक एवं गरिमामय वातावरण में संपन्न हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्ष आनंद द्विवेदी द्वारा दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ किया गया। सरस्वती प्रतिमा पर सभी विद्यालय प्रबंधकों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मंच संचालन का दायित्व सुशील पाण्डेय ने निभाया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आनंद द्विवेदी का स्वागत अनुराग उपाध्याय द्वारा माल्यार्पण कर किया गया।
इस अवसर पर लखनऊ से आए विशिष्ट विद्यालय प्रबंधकों सहित अनेक गणमान्य अतिथियों का भी सम्मान किया गया।
बैठक के दौरान अरविंद श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष प्रतापगढ़, का विशेष रूप से सम्मान किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विनोद सिंह, अनुराग उपाध्याय एवं अखिलेशसिंह का उल्लेखनीय योगदान रहा।
कार्यक्रम में संगठन के इतिहास, स्थापना और संघर्ष पर राहुल सेन ‘सक्सेना ‘ ने विस्तार से प्रकाश डाला।
सभा को संबोधित करते हुए डॉ. अजीज खान, अनिल त्रिपाठी, मनोज, नायडू (कुंडा), लालमणि, तथा डॉ. देवमणि तिवारी ने विद्यालय प्रबंधक की समस्याओं और संगठन की भूमिका पर अपने विचार रखे।
डॉ. देवमणि तिवारी ने स्वयं को स्नातक प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत करते हुए सभी से सहयोग का आग्रह किया।
मुख्य अतिथि आनंद द्विवेदी ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा कि —
> “हम साधना भी करेंगे, आराधना भी करेंगे। संगठन का लक्ष्य स्पष्ट हो तो सफलता निश्चित है। हम वित्तविहीन नहीं, बल्कि स्ववित्त-पोषित विद्यालय प्रबंधक हैं। संगठन की केवल एक जाति है — प्रबंधक, और उसका एकमात्र स्वार्थ — प्रबंधन का सम्मान।
हम चुनाव नहीं लड़ते, लेकिन समर्थन अवश्य करते हैं। हमारे विचारों का केंद्रबिंदु विद्यालय का हित है। मतभेद बारिश की तरह होने चाहिए, जो आएं निकल जाएं, रुकें नहीं।
विद्यालय प्रबंधन के मान-सम्मान और स्वाभिमान से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं।”
बैठक के समापन पर आभार प्रदर्शन विनोद जी एवं राकेश जी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या मे विद्यालय प्रबंधकों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही, जिससे संगठन की एकजुटता और शक्ति का परिचय मिला।