फाईल के कागज से साहित्य की कलम तक के वक्ताओं के उदगार
लखनऊ। फाइल के कागज़ से साहित्य की कलम तक के सत्र में आमंत्रित वक्ताओं में शामिल थे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डॉ हरिओम,प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास,डॉक्टर अजय शंकर पांडेय,पूर्व आयुक्त झांसी रेंज और डॉ सुधाकर अदीब,पूर्व निदेशक उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान।
इस सत्र में आमंत्रित डॉ हरिओम ने बताया कि अनजान कैसे अपने लेखन के लिए दफ्तरी समय में से लेखन के लिए समय को चुराया,उन्होंने हिंदी अंग्रेजी में समान भाषा के स्तर पर अपने को सक्रिय रखा।बाजार में उनकी यात्रा संस्मरणों पर कैलाश मानसरोवर पर लिखी पुस्तक खासा चर्चा में रही है;इस मौके पर उन्होंने दो गीत भी सुनाए और उपस्थित श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
वहीं डॉ अजय शंकर पांडेय ने कहा कि निश्चित ही न्यास को साधुवाद कि उन्होंने ऐसे विषय को प्राथमिकता दी कि कैसे सिविल सर्वेंट अपने समय में से कुछ समय लेखन को देते है;उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया।वरिष्ठ कथा लेखक डॉ सुधाकर अदीब ने कहा कि सिविल सर्वेंट भी भावना के स्तर पर लेखन से जुड़ा रहता है लेकिन हमें यह देखना हैं कि कौन सा विषय लेखक को आमंत्रित करता है,न्यास के कार्यक्रमों में पिछले दिनों से नवीनता आई है कि वृहद तौर पर न्यास से अच्छे लेखकों का जुड़ाव हुआ है,इसके लिए मैं अध्यक्ष,निदेशक को भी बधाई देता हूं जिन्होंने लेखकों को अपने आयोजनों से जोड़ने का एक सक्रिय प्रयास किया है।
कार्यक्रम का समन्वय हिंदी संपादक डॉ ललित किशोर मंडोरा ने किया।इस अवसर पर मंच संचालन डॉ अरुण सिंह ने किया और सबाहत आफरीन ने सहयोग किया।
कार्यक्रम में अच्छी संख्या में श्रोताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।