मुख्यमंत्री ने डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पंचम स्थापना दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित किया
डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने तेजी से विकास करते हुए स्वयं को बेहतरीन संस्थान के रूप में स्थापित किया, यह स्टेट ऑफ द आर्ट इंस्टीट्यूट बनने की ओर अग्रसर : मुख्यमंत्री
विगत 08 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और उनके विजनरी नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य की दिशा में अनेक कदम बढ़ाए
ब्रेन ट्यूमर व ब्रेन से जुड़ी बीमारियों के उपचार की दृष्टि से संस्थान में गामा नाइफ मशीन की स्थापना की जा रही, आर0एम0एल0 यह मशीन स्थापित करने वाला प्रदेश का पहला संस्थान बनने जा रहा
संस्थान में न्यूरो साइंसेज भवन व अन्य सुविधाओं का लोकार्पण, ब्वॉयज व गर्ल्स हॉस्टल, नर्सिंग कॉलेज के एकेडमिक ब्लॉक का शिलान्यास किया गया
आर0एम0एल0 को किसी एक मेडिकल कॉलेज को अपना सैटेलाइट सेण्टर बनाकर उसका मार्गदर्शन करना चाहिए, प्रदेश के किसी आकांक्षात्मक जनपद या आकांक्षात्मक ब्लॉक में कम्यूनिटी मेडिसिन का रूरल हेल्थ सेन्टर बनाना चाहिए
टेलीकंसल्टेशन की सुविधा दूर-दराज के क्षेत्रां, पी0एच0सी0, सी0एच0सी0 व डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में उपलब्ध कराकर मरीज की स्क्रीनिंग की जा सकती
चिकित्सक मरीजों के लक्षणों व उनकी परिस्थितियों पर केस स्टडी तैयार कर सकते
मेडिकल डिवाइस व फार्मा पार्क के क्षेत्र में बहुत सम्भावनाएं, आर0एम0एल0 जैसे संस्थानों को इस दिशा में अपनी भूमिका के लिए तैयार होना होगा
2,500 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे, इन्हें टेली कंसल्टेशन से जोड़ सकते
गौतमबुद्धनगर जनपद में मेडिकल डिवाइस पार्क तथा जनपद ललितपुर में फार्मा पार्क का कार्य प्रारम्भ
17 सितम्बर से 02 अक्टूबर के मध्य सेवा पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा, स्वैच्छिक रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित करने का प्रयास होना चाहिए
संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट को डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध कराया जाना चाहिए
मुख्यमंत्री ने संस्थान के विभिन्न विकास कार्यां का लोकार्पण एवं शिलान्यास, वार्षिक प्रगति रिपोर्ट का विमोचन तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले संकाय सदस्यों को पुरस्कृत किया
लखनऊ : 13 सितम्बर, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का बीज 19 वर्ष पूर्व 20 बेड के साथ रोपा गया था, लेकिन आयुर्विज्ञान संस्थान के रूप में इसकी यात्रा 05 वर्षों की है। इन वर्षों में संस्थान ने तेजी से विकास करते हुए 20 बेड के हॉस्पिटल से 1,375 बेड के एक बेहतरीन संस्थान के रूप में स्वयं को स्थापित किया है। आज यह स्टेट ऑफ द आर्ट इंस्टीट्यूट बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे अवसर बहुत कम दिखाई देते हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पंचम स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने संस्थान की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट का विमोचन तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले संकाय सदस्यों को पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री जी ने संस्थान के विभिन्न विकास कार्यां का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
लोकार्पित किए गए कार्यां में संस्थान के न्यू ब्लॉक स्थित एडवांस न्यूरो साइन्स सेण्टर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जुग्गौर में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के अन्तर्गत रूरल हेल्थ ट्रेनिंग सेण्टर, एकेडमिक ब्लॉक के 10वें तल पर निर्मित कॉन्फ्रेंस हॉल, लेक्चर थियेटर, कैफेटेरिया तथा मुख्य परिसर को एकेडमिक ब्लॉक से जोड़ने हेतु उपरिगामी फुट ओवर ब्रिज के कार्य शामिल है। शिलान्यास किये गए कार्यां में गोमतीनगर विस्तार स्थित संस्थान के नवीन परिसर में 444 शैय्या युक्त पुरुष छात्रावास एवं 444 शैय्या युक्त महिला छात्रावास, नर्सिंग कॉलेज हेतु शैक्षणिक भवन, उत्तर प्रदेश की प्रथम गामा नाइफ मशीन की स्थापना के कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री जी ने डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पंचम स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रवृत्ति, विकृति और संस्कृति, यह हमारे जीवन की तीन स्थितियां होती है। बीज का यथारूप रहना उसकी प्रवृत्ति है। इसी प्रकार मनुष्य परिवर्तन तो चाहता है, लेकिन परिवर्तन करने के लिए स्वयं को तैयार करने में हिचकता है। यह यथास्थितिवाद की अवस्था है। ऐसे लोग कोई परिवर्तन नहीं ला सकते हैं। दूसरी स्थिति संस्कृति की है। जब कोई व्यक्ति व्यापक जनहित या राष्ट्रहित में निर्णय लेता है। यह बीज के वृक्ष बनने की स्थिति है, यही संस्कृति है। जब किन्हीं कारणों से बीज सड़-गल जाता है या जब हम अपने कार्यों से किसी संस्थान को अधोगति की तरफ ले जाते हैं, तो यही स्थिति विकृति की होती है। डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने संस्कृति का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। आज संस्थान के पंचम स्थापना दिवस पर अनेक उपलब्धियां के लोकार्पण और भावी योजनाओं के शिलान्यास से हम जुड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जीवन किसी का इंतजार नहीं करता है। हमें काल की गति से दो कदम आगे चलने के लिए अपने आप को तैयार करना होगा। जो व्यक्ति, समाज या देश काल की गति को पहचान नहीं पाता है, वह पिछड़ जाता है। डॉ0 श्याम नारायण पाण्डेय ने इस सम्बन्ध में कहा था कि ‘यह महाकाल का आसन है, इस पर न किसी का शासन है।’ अर्थात काल की गति पर किसी का शासन नहीं होता है। यदि हम काल की गति से आगे चलेंगे, तभी प्रगति कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि हमारे कारण संस्थान को नुकसान होगा, तो भावी पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। 05 वर्षों में डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने अच्छी प्रगति हासिल की है। प्रदेश के टॉप तीन चिकित्सा संस्थानो में प्रथम स्थान पर के0जी0एम0यू0 110 वर्ष पुराना है। द्वितीय स्थान पर एस0जी0पी0जी0आई0 लगभग चार दशक पुराना है। डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान 19 वर्षों में एक लम्बी छलांग लगाकर प्रदेश में तृतीय स्थान पर स्थापित हुआ है। यह दर्शाता है कि आपकी दिशा एवं नेतृत्व सही है। चुनौतियां आती हैं, लेकिन जब टीमवर्क और कार्य करने का जज्बा होता है, तो लोगों में एक नए उत्साह का संचार होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह अवसर इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि संस्थान पूर्वी उत्तर प्रदेश के मुहाने पर स्थित है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के मरीज सबसे पहले डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आते हैं। इसके बाद वह के0जी0एम0यू0 या एस0जी0पी0जी0आई0 जाते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार व नेपाल की घनी आबादी है। यहां की परिस्थितियां यहां के लोगों को इस संस्थान में लेकर आती हैं। ऐसी स्थिति में हमें स्वयं को लगातार अपडेट रखना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ के तीन संस्थानों ने सम-विषम परिस्थितियों में लगातार कार्य करते हुए उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानक गढ़ने का कार्य किया है। कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में कोविड की जाँच के लिए कोई लैब नहीं थी। आगरा व नोएडा के मरीजों के सैम्पल जांच के लिए एम्स, दिल्ली तथा एन0आई0वी0, पुणे भेजे जाते थे। धीरे-धीरे प्रदेश में सुविधाएं विकसित की गयी। उस समय 36 जनपदों में आई0सी0यू0 का एक भी बेड नहीं था। ट्रेण्ड मैनपावर का अभाव था। ऐसे समय में उत्तर प्रदेश ने महामारी के प्रबन्धन के मॉडल प्रस्तुत किये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 तथा आर0एम0एल0 में सफलतापूर्वक वर्चुअल आई0सी0यू0 की शुरुआत की गयी। सभी 75 जनपदों में इसके माध्यम से लोगों को राहत देने का कार्य किया गया। इन संस्थानों से ट्रेण्ड मैनपॉवर व मास्टर्स ट्रेनर्स प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सा संस्थानों में भेजे गये। प्रदेश का यह मॉडल सफलतापूर्वक आगे बढ़ा था। यदि टेक्नोलॉजी के प्रयोग से किसी महामारी को मात दी जा सकती है, तो उसी टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर हम अस्पताल की भीड़ को भी कम कर सकते हैं। टेलीकंसल्टेशन की सुविधा दूर-दराज के क्षेत्रां, पी0एच0सी0, सी0एच0सी0 व डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में उपलब्ध कराकर मरीज की स्क्रीनिंग की जा सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत ने सुश्रुत के रूप में पहला सर्जन दिया था। चरक व सुश्रुत आरोग्यता के क्षेत्र में दुनिया को भारत की एक देन हैं। भारत ने दुनिया को ऐसे अनेक वैद्य, चिकित्सक व सर्जन दिए। समय के अनुरूप हम अपनी गति को बनाये नहीं रख पाए। हमारे ज्ञान और विरासत को अन्य लोगों ने अपनाकर हमें ही पीछे कर दिया। इसका कारण था कि हमने केस स्टडी को अपनाने में संकोच किया। यदि चिकित्सक अपने मरीजों के लक्षणों व उनकी परिस्थितियों पर लिखने की आदत डालें, तो एक अच्छी केस स्टडी तैयार हो सकती है। इसके आधार पर यह बताया जा सकता है कि किन क्षेत्रों में कौन सी बीमारी है व उसके क्या उपचार हैं। केस स्टडी के माध्यम से इन क्षेत्रों में स्क्रीनिंग की सुविधा भी दी जा सकती है तथा मानव कल्याण को बेहतर रूप से आगे बढ़ाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले 15 जुलाई से 15 नवम्बर के मध्य का सीजन पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए अत्यन्त भयावह होता था। वर्ष 1977 से वर्ष 2017 के 40 वर्षां में पूर्वी उत्तर प्रदेश ने इंसेफेलाइटिस बीमारी से 50 हजार से अधिक बच्चों को खोया। वर्ष 2017 में हमारी सरकार ने बीमारी के सम्बन्ध में केस स्टडी करायी।
सरकार ने अन्तर्विभागीय समन्वय से तीन वर्षों में ही इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी को समाप्त कर दिया। इसके लिए मेडिकल कॉलेजों व स्वास्थ्य केन्द्रों तथा पोषाहार कार्यक्रमों को बेहतर बनाकर एवं स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराकर प्रधानमंत्री जी के स्वच्छता के विजन को धरातल पर उतारने का कार्य किया गया। सरकार चाहे तो किसी के भी चेहरे पर खुशहाली ला सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे साबित करके दिखाया है। इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से निपटने हेतु स्वास्थ्य विभाग को नोडल बनाया गया था। सभी ने एक साथ मिलकर लक्षित कार्यवाही की। इस प्रकार का कार्य प्रत्येक क्षेत्र में किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में न्यूरो साइंसेज भवन व अन्य सुविधाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। ब्रेन ट्यूमर व ब्रेन से जुड़ी हुई तमाम बीमारियों में उत्तर प्रदेश के लोगों को लाभ मिल सके, इस दृष्टि से संस्थान में गामा नाइफ मशीन की स्थापना की जा रही है। आर0एम0एल0 यह मशीन स्थापित करने वाला प्रदेश का पहला संस्थान बनने जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संस्थान में विभिन्न भवनों को जोड़ने के लिए एक फुटओवर ब्रिज, संस्थान के न्यूरो साइंसेज सेन्टर के न्यू ब्लॉक, कॉन्फ्रेन्स हाल, लेक्चर थिएटर व कैफेटेरिया, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जुग्गौर के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अन्तर्गत रूरल हेल्थ ट्रेनिंग सेन्टर का लोकार्पण किया गया है। ब्वॉयज व गर्ल्स हॉस्टल, नर्सिंग कॉलेज के एकेडमिक ब्लॉक का शिलान्यास किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आई0आई0टी0 कानपुर द्वारा मेडटेक पर सेण्टर ऑफ एक्सीलेन्स विकसित करने का कार्य प्रारम्भ किया गया है। आर0एम0एल0 को भी किसी अच्छे संस्थान के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य करना चाहिए। प्रदेश में मेडिकल डिवाइस व फार्मा पार्क के क्षेत्र में बहुत सम्भावनाएं हैं। गौतमबुद्धनगर जनपद में मेडिकल डिवाइस पार्क तथा जनपद ललितपुर में फार्मा पार्क का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। आर0एम0एल0 जैसे संस्थानों को इस दिशा में अपनी भूमिका के लिए तैयार होना होगा। जब मिलकर कार्य होंगे, तो अच्छे परिणाम आएंगे। विगत वर्षां में संस्थान की उपलब्धियां सराहनीय है। इसमें और सम्भावनाएं हैं। हमें आज के अनुसार खुद को तैयार करना होगा। हम जितना अधिक शोध करेंगे, उतना ही संस्थान के लिए बेहतर होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मरीजों व उनके तीमारदारों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए। अपने अच्छे व्यवहार से मरीज की आधी बीमारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। आपके व्यवहार से मरीज को तेजी से लाभ मिलेगा। संस्थान में मरीज के लिए सहयोगी वातावरण होना चाहिये। हमारा व्यवहार मरीज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मरीज के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करते हुए उसे सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। यह कार्य संस्थान की प्रगति के लिए आवश्यक हैं। हमें जनता के विश्वास को जीतने का प्रयास करना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर के मध्य सेवा पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा। 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्मदिन, 25 सितम्बर को पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी की पावन जयन्ती तथा 02 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी तथा देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पावन जयन्ती है। सेवा पखवाड़ा के कार्यक्रमों की शुरुआत रक्तदान शिविर से होगी। स्वैच्छिक रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित करने का प्रयास होना चाहिए। रक्तदाताओं के ब्लड ग्रुप की जांच करके अपने पास रिकॉर्ड रखें। आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमन्द को रक्त उपलब्ध कराने में अपना योगदान दें, जिससे पेशेवर रक्तदाताओं द्वारा स्वास्थ्य के साथ होने वाले खिलवाड़ को रोकने में भी सफल होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा की सेवा पखवाड़ा के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेष स्वास्थ्य शिविर एवं आरोग्य मेले लगाए जाएंगे। आर0एम0एल0 की टीम भी इन स्थानों पर जाए। आर0एम0एल0 को प्रदेश के किसी आकांक्षात्मक जनपद या आकांक्षात्मक ब्लॉक में कम्यूनिटी मेडिसिन का रूरल हेल्थ सेन्टर बनाना चाहिए। भारत-नेपाल बॉर्डर के किसी जनपद का चयन करके वहां की जनजातियों व घुमन्तू जातियों के बीच जाकर अपना कार्य करना चाहिए। इन्हे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। हम ‘वन डिस्ट्रिक्ट-वन मेडिकल कॉलेज’ की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं। आर0एम0एल0 को किसी एक मेडिकल कॉलेज को अपने साथ जोड़ कर उसका मार्गदर्शन करना चाहिए। उसे अपना सैटेलाइट सेण्टर बनाना चाहिए। आर0एम0एल0 के स्पेशलिस्ट वहां जाएं। इससे वहां के लोगों को सीखने का अवसर प्राप्त होगा तथा एक नई कार्य संस्कृति विकसित होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें उन क्षेत्रों में जाना चाहिए, जहां अभी
सुपरस्पेशियलिटी सुविधाओं का अभाव है। यह कार्य सम्भव है। आपका मार्गदर्शन ऐसे क्षेत्र के संस्थानों के लिए बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकता है। अलग-अलग वर्षों में अलग-अलग मेडिकल कॉलेज का चयन किया जाना चाहिए। इससे आपको हेल्थ एक्स्पोज़र भी मिलेगा, कार्य करने के नए अनुभव भी होंगे और लोगों में आपके प्रति श्रद्धा का भाव भी उत्पन्न होगा। आपका यह कार्य स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रान्ति ला सकता है। हम मेडिकल कॉलेज को आगे जिला अस्पताल और सी0एच0सी0 से जोड़ सकते हैं। इससे इस क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य हो सकता है। यह हॉस्पिटल की भीड़ को भी कम करने में मदद करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आर0एम0एल0 की ओ0पी0डी0 5,000 है। इसमें और वृद्धि होनी है। हमें प्रयास करना चाहिए कि लोग अपने क्षेत्र में ही स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त कर सकें। आर0एम0एल0 से एम0सी0एच0 और डी0एम0 करने वाले छात्र उन क्षेत्रों में एक-एक सप्ताह का कैम्प करें, वहां की स्थितियों को देखें और जाने कि उन्हें किन परिस्थितियों का सामना करना होता है। तभी वह किसी समाधान का रास्ता निकाल सकते हैं। जब यह कार्य होंगे, तभी हम विकसित भारत की एक सुदृढ़ नींव तैयार कर पाएंगे। वर्ष 2047 में भारत जब अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तब बेहरीन स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से हर नागरिक को आरोग्यता की गारण्टी भी दे पाएंगे। इसकी शुरुआत आज से ही होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 08 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और उनके विजनरी नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य की दिशा में अनेक कदम बढ़ाए हैं। प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। एम0बी0बी0एस0 की सीटों में ढाई गुना, पी0जी0 की सीटों में तीन गुना एवं सुपर स्पेशलिटी की सीटों में तीन गुना की वृद्धि हुई है। हर जनपद में आई0सी0यू0 व मिनी आई0सी0यू0 बनाए गए हैं। हर जनपद में डायलिसिस की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। 72 जनपदों में सी0टी0 स्कैन की सुविधा उपलब्ध है। 2,500 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आप इन्हें टेली कंसल्टेशन से जोड़ सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें तकनीक का लाभ लेना चाहिए और लोगों को टेली कंसल्टेशन की सुविधा से जोड़ना चाहिए। आपके संस्थान में केवल जरूरतमंद लोग ही आने चाहिए। जब भीड़ कम होगी, तो डॉक्टर भी मरीज को ज्यादा समय दे पाएंगे और हम स्वास्थ्य के लक्ष्य को अच्छी तरह से प्राप्त कर सकते हैं। हमें इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। विगत 05 वर्षों में संस्थान की उपलब्धियां सराहनीय है। इसे और बेहतर बनाए जाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज आप जो भी कार्य करेंगे, वही विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश की आधारशिला बनेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट को डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। अलग-अलग डिपार्टमेण्ट को अपनी केस स्टडी प्रस्तुत करने और पेटेण्ट फाइल करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। हर पेशेन्ट आपके लिए एक नया अनुभव लेकर आता है। इनकी केस स्टडी चिकित्सकों के लिए एक अच्छी लाइब्रेरी बन सकती है। हर माह विभागों के कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए। अच्छे कार्यों का उल्लेख होना चाहिए। यह कार्य संस्थान के वर्तमान छात्रों के लिए उपयोगी और अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी होगा। इण्टरनेशनल जर्नल्स में संस्थान की केस स्टडी भेजी जानी चाहिए। इसका लाभ आने वाले समय में संस्थान को प्राप्त होगा तथा नेशनल रैंकिंग में हम और बेहतरीन स्थान प्राप्त करने में भी सफल होंगे।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा तथा डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो0 सी0एम0 सिंह ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर संकाय अध्यक्ष प्रो0 प्रद्युम्न सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 (डॉ0) विक्रम सिंह एवं संस्थान सदस्य, रेजिडेण्ट्स तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।