जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है
तूफानों से लड़ा और फिर खडा हुआ है
जिसने सोने को खोदा , लोहा मोड़ा है
जो रवि के रथ का घोड़ा है
वह जन मारे नहीं मरेगा
नहीं मरेगा !
जो जीवन की आग जलाकर आग बना है
फौलादी पंजे फैलाये नाग बना है
जिसने शोषण को तोड़ा , शासन मोड़ा है
जो युग के रथ का घोड़ा है
वह जन मारे नहीं मरेगा !!
——— प्रसिद्ध कवि केदारनाथ अग्रवाल
( संकलित )
——— राम कुमार दीक्षित, पत्रकार !