” प्रेम ही परमात्मा “

1——-  अगर  प्रेम  ,   आनंद, और  परमानंद  के

आँसुओं  ने  आपके  गालों  को  नहीं  धोया  है  , तो

आपने  अभी  जीवन  का  स्वाद  नहीं  चखा   है   !

——   सन्त  वाणी

2 ———   सफलता  में  दोषों  को  मिटाने  की

विलक्षण   शक्ति   है   !

———   मुंशी प्रेमचंद

3————  सबसे   अलग  होना  ,  आपकी   कमजोरी

नहीं    ताकत   है   !

———    संत  वाणी

4————    जीवन  का  एक  नियम  है  कि  अगर

तुम  प्रतीक्षा   कर  सको  तो  सभी  चीजें   पूरी  हो

जाती   हैं   !

———  गौतम  बुद्ध

5————-  प्रार्थना  का  अर्थ  मांगना  नहीं  ,  जो

मिला  है  उसके  प्रति  आभार  प्रकट  करना  है   !

———   ओशो

6————   कमाई  की  परिभाषा  सिर्फ़  धन से  ही

तय  नहीं  होती  ,  तज़ुर्बा  ,  रिश्ते  ,  प्रेम  ,  सम्मान  और

सबक  सब  कमाई  के  ही  रूप  हैं   !

———–   एक  दार्शनिक

(  संकलित  )

 

———-  राम  कुमार  दीक्षित  ,   पत्रकार   !

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