” अमृत कण “

1——-  दयालु  बनो, क्योंकि   तुम  जिस  किसी  से  भी  मिलते  हो, वह  एक  कठिन  लडाई   लड़  रहा  है  !

 

2——-  उस  समय  कमज़ोर  दिखो  जब  आप  मजबूत  हो,  और  उस  समय  मजबूत  जब  आप   कमज़ोर  हो  !

 

3——-  अक्सर  हम  उन्हीं  लोगों के हाथों  अपना  मज़ाक  बनवाते  हैं  , जिन्हें  हम  कमज़ोर  लम्हों  में  अपनी  सारी   सच्चाइयाँ  सौंप  देते  हैं  !

 

4———  पा  लेने  की  बेचैनी  और  खो  देने  का  डर, बस  इतना  ही  है  जिंदगी  !

 

5—–  खामोशियाँ   बेवजह  नहीं  होती  हैं…  कुछ  दर्द  आवाज़   छीन  लिया  करते   हैं   !

( संकलित  )

————  राम  कुमार  दीक्षित   ,  पत्रकार   !

 

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