हे री मैं तो प्रेम– दीवानी, मेरो दरद न जाने कोय !
घायल की गति घायल जाने, जो कोई घायल होय !
जौहरि की गति जौहरी जाने , की जिन जौहर होय !
सूली ऊपर सेज हमारी, सोवन किस बिध होय !
गगन मंडल पर सेज पिया की किस बिध मिलना होय !
दरद् की मारी बन– बन डोलूँ , बैद मिला नहि कोय !
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी, जद बैद् साँवरिया होय !
———— मीरा बाई
( संकलित )
———— राम कुमार दीक्षित , पत्रकार !