” दशहरा “

दशहरा  का  तात्पर्य  ,   सदा   सत्य  की  जीत  ,

गढ़  टूटेगा   झूठ  का  , करें  सत्य  से   प्रीत   !

 

सच्चाई  की   राह   पर  ,  लाख  बिछे   हों  शूल  ,

बिना  रुके  चलते  रहें  ,   शूल   बनेंगे   फूल   !

 

क्रोध  ,  कपट   कटुता   कलह  , चुगली  अत्याचार  ,

दगा  , द्वेष  ,  अन्याय  , छल  ,  रावण  का  परिवार  !

 

राम   चिरंतन   चेतना  ,  राम    सनातन   सत्य  ,

रावण  वैर— विकार  है  ,  रावण  है दुष्कृत्य    !

वर्तमान   का   दशानन  ,  यानी  भ्रष्टाचार  ,

दशहरा  पर  करें   ,  हम   इसका   संहार   !

(  संकलित  )

 

———  राम कुमार  दीक्षित  ,  पत्रकार   !