यह कहानी एक कुत्ते की है जिसका मालिक एक प्रोफेसर था , जो जापान के एक कॉलेज में पढाया करते थे ! वह कुत्ता बहुत ही वफादार था ! वह रोज़ाना अपने मालिक को स्टेशन छोड़ने जाता था और नियत समय पर उन्हें लेने के लिए जाया करता था !
एक दिन जब वह अपने मालिक को स्टेशन छोड़कर आया और फिर उन्हें लेने गया तो उसके मालिक वहाँ नहीं आये क्यों कि प्रोफेसर जब क्लास में पढ़ा रहे थे, तब हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गयी थी , इसलिए वह स्टेशन नहीं आ पाए ! लेकिन वह वफादार कुत्ता उनका इंतज़ार करता रहा ! वह लगभग उनका, 10 वर्षों तक उनका इंतज़ार करता रहा और वहीं मर गया ! उस कुत्ते का नाम हिचको था, जिसका स्मारक आज भी जापान में मौजूद है ! इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि वफादारी हर इंसान के अन्दर होनी चाहिये ! एक बेजुबान जानवर ने हम सबको सिखा दिया कि वफादारी क्या होती है !
( संकलित )
राम कुमार दीक्षित, पत्रकार !