” कुशाग्र बुद्धि “

एक बूढा आदमी ट्रेन से कहीं जा रहा था  ! एक स्टॉप पर ट्रेन रुकी तो उस बूढ़े वाले डिब्बे में चार–पाँच लड़के चढ़ गये थे  ! वे सारे लड़के दिखने में शरारती लग रहे थे और उनमें से एक लड़के ने ट्रेन की चेन खींच दी, जिसके कारण ट्रेन वहीं रुक गई  ! थोड़ी देर बाद वहाँ एक टिकट कलेक्टर और दो पुलिस वाला आ गये  ! उस टी. सी. ने सभी से पूँछा तो उन शरारती लड़कों ने उस बूढ़े आदमी का नाम लगा दिया और बोले- इन्होंने ने ही ट्रेन की चेन खींची है  ! यह सुनकर वह बूढ़ा आदमी बहुत परेशान हो गया और सोचने लगा कि मैंने इन लड़कों का क्या बिगाडा था जो इन्होंने मुझे इस मुसीबत में फंसा दिया  !

वह बूढ़ा आदमी बहुत समझदार था  इसलिए उसने धैर्य से काम लिया और शान्त रहा  ! तब उस टी. सी. ने बूढ़े आदमी से पूँछा कि आपने ट्रेन की चेन क्यों खींची ? तब उस बूढ़े आदमी ने कहा, ” साहब ” इन पाँचों लड़कों ने मिलकर मेरे 1000 रुपये छीन लिए हैं  ! इसलिए सहायता के लिए मैंने चेन खींचा  ! इतना सुनकर वे पांचों लड़के  आश्चर्यचकित हो गये  ! जब वे लड़के ट्रेन में चढ़े थे तो उस बूढ़े आदमी ने देख लिया था कि उनकी जेब में 1000 रुपये  रखे हुए हैं  ! बूढ़े आदमी ने टी. सी. से कहा, मेरे हज़ार रुपये इस लड़के के पास हैं  ! तब उस टी. सी. ने उस बूढ़े आदमी को लड़कों से 1000 रुपये दिलवाये   और उन पांचो लड़कों को ट्रेन से नीचे उतार दिया  ! इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि आपके साथ चाहे कितनी ही विषम परिस्थिति क्यों न आ जाये  ! कोई आपको ही बुरा क्यों न फंसा दे  ! अगर आप शांत दिमाग से और धैर्य के साथ बुद्धि का प्रयोग करते हैं तो आप उस मुसीबत से तुरंत निकल सकते हैं   !

 

राम कुमार दीक्षित  , पत्रकार  !