हत्या के दोषी पति, देवर व सास को उम्रकैद

हत्या के दोषी पति, देवर व सास को उम्रकैद
* 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
* साढ़े 14 वर्ष पूर्व दहेज में बाइक की मांग को लेकर जुलेखा बानो की जलाकर हत्या करने का है आरोप

सोनभद्र। साढ़े 14 वर्ष पूर्व दहेज में बाइक की मांग को लेकर जुलेखा बानो की जलाकर हत्या करने के मामले में शनिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी पति, देवर व सास को उम्रकैद व 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र निवासी मुजीबुर्रहमान पुत्र हजीबुल रहमान ने ओबरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 8 वर्ष पूर्व उसकी बहन जुलैखा बानो की शादी ओबरा चूड़ी गली निवासी आफताब पुत्र हमीद अली के साथ हुई थी। शादी के बाद उसकी बहन अपनी ससुराल गई तो पहले ठीक था, लेकिन बाद में दहेज में बाइक की मांग को लेकर पति, देवर, सास व दोनों ननदें उसकी बहन को प्रताड़ित करने लगी। इस बात को लेकर कई बार पंचायत भी हुई। इसीबीच 5 मई 2008 को भोर में साढ़े तीन बजे बहन की ननद का फोन आया कि उसकी बहन की हालत सीरियस है। जल्दी गाड़ी लेकर आओ। जब बहन के घर गया तो बहन की पांच वर्षीय बेटी व अन्य लोगों ने बताया कि जुलैखा बानो को ससुराल वालों ने मारपीट कर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर जला दिया है। जब अस्पताल जाकर देखा तो बहन बुरी तरह से जल गई थी। बहन ने भी पूरी घटना की जानकारी दी।हालत गंभीर होने पर बहन को वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। वाराणसी अस्पताल पहुंचते ही डाक्टरों ने जुलैखा बानो को मृत घोषित कर दिया। 6 मई 2008 को ओबरा पुलिस नेआफताब, महताब व शहजादी समेत पांच लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में पति, देवर व सास के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर तीन दोषियों पति आफताब, देवर महताब व सास शहजादी को उम्रकैद व 10 – 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।