अजनबी रास्तों पर पैदल चलें कुछ न कहें अपनी– अपनी तन्हाइयाँ लिए सवालों के दायरे से निकलकर रिवाज़ों की सरहदों के परे हम यूँ ही…
View More ” चलो दूर तक अजनबी रास्तों पर पैदल चलें “Category: Uncategorized
” कवि रसखान का श्रीकृष्ण प्रेम “
या लकुटी अरु कामरिया पर, राज तिंहु पुर को तजि डारौं! आठहुँ सिद्धि, नवो निधि को सुख, नंद की धेनु चराय बिसारौं !! रसखान कबौं…
View More ” कवि रसखान का श्रीकृष्ण प्रेम “” गीत नया गाता हूँ “
टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक् रात प्राची में…
View More ” गीत नया गाता हूँ “” कहाँ पर बोलना है “
कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं ! जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं ! नई नस्लों के ये…
View More ” कहाँ पर बोलना है “” हाथ पर आसमान “
लोग ऊँची उड़ान रखते हैं हाथ पर आसमान रखते हैं ! शहर वालों की सादगी देखो , अपने दिल में मचान रखते हैं !…
View More ” हाथ पर आसमान “” मैं सबसे छोटी होऊं “
मैं सबसे छोटी होऊं , तेरी गोद में सोऊँ , तेरा अंचल पकड़– पकड़कर फिरूं सदा माँ ! तेरे साथ , कभी न छोड़ूँ तेरा …
View More ” मैं सबसे छोटी होऊं “” मेरी इक छोटी सी कोशिश… “
मेरी इक छोटी सी कोशिश तुझ को पाने के लिए बन गई है मसअला सारे ज़माने के लिए रेत मेरी उम्र , मैं …
View More ” मेरी इक छोटी सी कोशिश… “” वो लोग बहुत प्यार करने वाले थे “
वो लोग मेरे बहुत प्यार करने वाले थे गुज़र गए हैं जो मौसम गुजरने वाले थे नई रुतों में दुखों के भी सिलसिले हैं …
View More ” वो लोग बहुत प्यार करने वाले थे “” ऐसी न देखी सुनी सजनी “
ऐसी न देखी सुनी सजनी धनी बाढ़त जात वियोग की बाधा ! त्यों ‘ पद्माकर ‘ मोहन को , तब तें कल है न कहूँ …
View More ” ऐसी न देखी सुनी सजनी “” प्रार्थना “
ईश्वर , ध्यान देना , जब खडा होना पड़े मुझे , तो अपने से ज्यादा जगह न घेरु ! मैं ऋग्वेद के चरवाहों की…
View More ” प्रार्थना “