” हम खुश कैसे रहें …”

जिंदगी में ऐसे कई पल आते हैं, जब हम अपने आपको अकेला महसूस करते हैं  ! ऐसे समय में अपने आपको खुश रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है  ! खुश रहना कई समस्याओं का समाधान हो सकता है  !  हमने अपने आस पास ऐसे बहुत से लोगों को देखा होगा, जो सामान्यतः खुश रहते हैं  ! जबकि  कुछ ऐसे भी लोग होते हैं  जो भीतर से बहुत दुःखी होते हैं और अपनी बात भी किसी से शेयर करना पसंद नहीं करते हैं  ! ऐसे लोग बस अन्दर ही अन्दर घुटते रहते हैं और आखिर में इसका परिणाम यह होता है कि वे मानसिक रूप से किसी बड़ी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं  !

खुश रहने के लिए अपनी तुलना किसी के साथ ना करें  ! अक्सर ऐसा होता है कि लोग अपने आप को अपने दोस्त, सहकर्मी या फेमिली के अन्य लोगों से अपनी तुलना करने लग जाते हैं और खुद को उनसे छोटा महसूस करने लगते हैं  ! ऐसा करना हमें दुःखी कर सकता है  ! हर इंसान अपने आप में श्रेष्ठ होता है और हर व्यक्ति अपने आप में परिपूर्ण होता है  ! इसलिए अपने आप पर पूर्ण विश्वास कायम रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए  !

खुश रहने के लिए सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बरबाद नहीं करना चाहिए और मोबाइल का भी सीमित प्रयोग करना चाहिए  ! अपने  शौक के लिए भी समय निकालना चाहिए  चाहे गीत गाना  , नाचना  , बागवानी या फिर कोई अपनी पसंद का खेल खेलना  ! योग — ध्यान  , प्राणायाम का अवश्य ही अभ्यास करना चाहिए   जिससे हम तनाव रहित जीवन जीने में सफल हो  सकें.

हम जिस इष्ट की भी पूजा करते हों, उन इष्ट की पूर्ण समर्पण भाव से आराधना करनी चाहिए  ! परमात्मा ही  सबका रखवाला है ,  इसलिए  परमात्मा ही हमें सारी चिंताओं से मुक्ति दे सकते हैं  ! कभी– कभी नितांत अकेले में  बिना तुरंत उत्तर की प्रतिक्षा किये,  परमात्मा से बात भी करनी चाहिए और उनके चरणों में अपनी सारी व्यथा रख देनी चाहिए  ! विश्वास रखिये   , परमात्मा सर्व शक्तिमान हैं और वह सकारात्मक उत्तर अवश्य ही देंगे  ! बस  धैर्य रखने की जरूरत है  !  आपकी खुशहाली के लिए यह सबसे बड़ा कदम होगा  !

खुश रहने के लिए दूसरों की मदद अवश्य ही करनी चाहिए  ! किसी के लिए कुछ करने या कुछ देने की भावना भी हमें भावनात्मक संतुष्टि देती है  !  इसे हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए  ! जरूरी नहीं है कि हम किसी की  बहुत बड़ी मदद करें  जो हमारी सामर्थ्य से  बाहर हो लेकिन छोटी– छोटी मदद करने का प्रयास तो कर ही सकते हैं  ! दूसरों को माफ करना और अपनी गलतियों को स्वीकार करने वाले गुण भी हमें  भरपूर खुशियाँ  देने में सहयोग प्रदान करेंगे  !  संतों के वचन हैं कि परमात्मा मनुष्यों के हृदय में निवास करते हैं , फिर हम चिंता क्यों करें , इसलिए हमें हमेशा ही खुश रहना चाहिए  !

 

———–  राम कुमार  दीक्षित  ,  पत्रकार  !

 

 

 

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