पहाड़ पर, शायद, वृक्षारोपण न कोई शेष बची हुई धरती पर , शायद , शेष बची घास नहीं उड़ी है, भाप बनकर सरियों का पानी,…
View More ” मत मौन रहो “Category: Uncategorized
” कोई ताज़ा हवा चली है अभी… “
दिल में इक लहर सी उठी है अभी , कोई ताज़ा हवा चली है अभी ! भरी दुनिया में दिल नहीं लगता , जाने …
View More ” कोई ताज़ा हवा चली है अभी… “” आज नई सज — धज से –“
आज नई सज– धज से गणतंत्र दिवस फिर आया है ! नव परिधान बसंती रंग का माता ने पहनाया है ! भीड़ बढ़ी …
View More ” आज नई सज — धज से –“” वाह रे पैसा, तेरे कितने नाम “
मन्दिर में दिया जाए तो —- चढ़ावा स्कूल में दिया जाए तो —- …
View More ” वाह रे पैसा, तेरे कितने नाम “” मनुष्य को पलकों— पुतलियों पर काम करना चाहिए “
मनुष्य अपने शरीर को सजाने के लिए अंगों पर विशेष काम करता है , करना भी चाहिए ! शरीर को सजाने में 16 शृंगारों का…
View More ” मनुष्य को पलकों— पुतलियों पर काम करना चाहिए “” परमात्मा की कृपा को सिर झुकाकर प्राप्त करना चाहिए “
अक्सर आदमी में देते समय दातापन का अहंकार आ जाता है ! वह समझता है कि मैं दे रहा हूँ ! मैं बड़ा सक्षम हूँ…
View More ” परमात्मा की कृपा को सिर झुकाकर प्राप्त करना चाहिए “” स्वयं को परमात्मा से जोड़ने पर ही शान्ति सम्भव “
देखने में आता है कि आदमी अपना मकान बना लेता है तो अपने आपको बड़ा संतुष्ट समझता है कि अब कुछ और नहीं चाहिए !…
View More ” स्वयं को परमात्मा से जोड़ने पर ही शान्ति सम्भव “” प्रेम एक मास्टर चाबी है, जो सब तालों में लगती है “
दिल से कही गई बात दिल तक जाती है और देर तक तथा भीतर तक असर करती है ! जबकि ऊपर– ऊपर से कही गई…
View More ” प्रेम एक मास्टर चाबी है, जो सब तालों में लगती है “” पुरस्कार का महत्व “
बेला आज बेहद खुश थी, क्यों कि उनके पति डॉक्टर राम को अदिति फाउंडेशन की ओर से समाज सेवा के लिए पुरस्कार मिलने वाला था …
View More ” पुरस्कार का महत्व “” परमात्मा का नाम स्मरण से तृप्ति मिलती है “
निरंतर नाम– धन की विशेषता वाले अपने आप को मालामाल मानते हैं ! अपने आप को भरा– भरा मानते हैं ! इसलिए फिर कोई दूरियाँ…
View More ” परमात्मा का नाम स्मरण से तृप्ति मिलती है “