ज़मी का सितारा आसमान ढूंढता है वो अपनी ज़िंदगी में एक मकाम ढूढ़ता है , बड़ा बेचैन सा रहता है आजकल अक्सर ज़रा सुकून, ज़रा…
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” हम नदी के साथ — साथ “
हम नदी के साथ — साथ सागर की ओर गए पर नदी सागर में मिली हम छोर रहे , नारियल के खड़े तने हमेँ लहरों…
View More ” हम नदी के साथ — साथ “” मोम के बंधन सजीले “
बाँध लेंगे क्या तुझे यह , मोम के बंधन सजीले , पंथ की बाधा बनेंगे , तितलियों के पर रंगीले , विश्व का क्रंदन भुला…
View More ” मोम के बंधन सजीले “” ख़ुद पे भरोसा रखना “
ज़िंदगी के लिए इक खास सलीका रखना अपनी उम्मीद को हर हाल में जिंदा रखना ! उसने हर बार अंधेरे में जलाया ख़ुद को उसकी…
View More ” ख़ुद पे भरोसा रखना “” गति प्रबल पैरों में भरी “
गति प्रबल पैरों में भरी फिर क्यों रहूँ दर– दर खड़ा जब आज मेरे सामने है रास्ता इतना पड़ा जब तक न मंज़िल पा सकूँ…
View More ” गति प्रबल पैरों में भरी “” मैं नहीं चाहता “
सडे हुए फलों की पेटियों की तरह बाज़ार में एक भीड़ के बीच मरने की अपेक्षा एकांत में सूने वृक्ष के नीचे गिरकर सूख जाना…
View More ” मैं नहीं चाहता “” क्यों डरता है “
कोने में बैठकर क्यों रोता है , यूँ चुप चुप सा क्यों रहता है ! आगे बढ़ने से क्यों डरता है , सपनों को बुनने…
View More ” क्यों डरता है “” अब अन्तर में अवसाद नहीं “
अब अन्तर में अवसाद नहीं चापल्य नहीं उन्माद नहीं सूना — सूना सा जीवन है कुछ शोक नहीं आल्हाद नहीं तव स्वागत हित हिलता रहता…
View More ” अब अन्तर में अवसाद नहीं “” अभ्यस्त हूँ “
तुम्हारे नहा लेने के बाद , तुम्हारे भीगे तौलिये से अपना बदन पोंछना , तुम्हारा स्पर्श पा लेने जैसा है , ज़िंदगी के तमाम उतार-चढ़ावो…
View More ” अभ्यस्त हूँ “” दीवानों की हस्ती “
हम दीवानों की क्या हस्ती , हैं आज यहाँ , कल वहाँ चले , मस्ती का आलम साथ चला , हम धूल उड़ाते जहाँ चले…
View More ” दीवानों की हस्ती “