” जिंदगानी का कोई मक़सद नहीं है “

जिंदगानी  का  कोई  मक़सद  नहीं  है  , एक  भी क़द  आज  आदमक़द्   नहीं  है  !   राम  जाने  किस  जगह  होंगे  कबूतर  , इस  इमारत …

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” पुष्प की अभिलाषा “

चाह  नहीं, मैं  सुरबाला  के गहनों  में  गूथा  जाऊँ  , चाह  नहीं  प्रेमी— माला  में बिध प्यारी  को   ललचाऊँ चाह  नहीं  सम्राटों  के  शव  पर…

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” जो मिला मुसाफिर वो रास्ते बदल डाले “

जो  मिला  मुसाफिर  वो  रास्ते  बदल  डाले  , दो  क़दम  पे  थी  मंज़िल  फ़ासले  बदल  डाले  !   आसमां  को  छूने  की  कूवतें  जो  रखता …

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” नये मौसम को क्या होने लगा है “

नये  मौसम  को  क्या  होने  लगा  है  , कि  मिट्टी  में  क्या  बोने   लगा    है   ! कोई  कीमत  नहीं  थी  जिस  की  यारों   ,…

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” ज्योतियां जिससे जले अनेक “

ज्योतियाँ  जिससे  जले अनेक, जलाओ  ऐसा दीपक एक बुझे  जो  तूफानों  में  नहीं  , जले  अविराम  , तिमिर  कर  दूर  ! धरा  पर  लाए  , …

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” फिर बसंत आना है “

तूफानी   लहरें   हों अंबर   के   पहरे   हों पुरवा   के   दामन   पर दाग़   बहुत   गहरे   हों सागर   के   मांझी मत   मन  को   तू   हारना जीवन   के …

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